रांची। झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के त्वरित निष्पादन को लेकर कोर्ट के स्वत: संज्ञान पर बुधवार को सुनवाई हुई। मामले में निदेशक अभियोजन कोर्ट में सशरीर हाजिर हुए।

कोर्ट ने उनसे पूछा कि निचली अदालत में एमपी-एमएलए के मामलों में यदि अदालत से वे रिहा कर दिए गए हैं, तो इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में क्रिमिनल एक्विटल अपील दाखिल की गई है या नहीं। एमपी-एमएलए के कितने मामलों में रिहाई के बाद ऊपरी अदालत में क्रिमिनल एक्विट्टल अपील दायर की गई है। क्या इस संबंध में कोई आंकड़ा उपलब्ध है। इस पर निदेशक अभियोजन कोर्ट को स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।

कोर्ट ने निदेशक अभियोजन को शपथ पत्र दाखिल कर बताने को कहा है कि एमपी-एमएलए के चल रहे मामलों में से निचली अदालत से रिहाई के बाद इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में कितने के मामले में क्रिमिनल एक्विट्टल अपील दाखिल की गई है। कोर्ट ने उन्हें शपथ पत्र के माध्यम से इसे प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 मई निर्धारित की है।

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