स्वाति मालीवाल से मारपीट, VIDEO मिलने का दावा:आरोप- बिभव ने पेट पर लात मारी, शर्ट खींची; 

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास पर हुई मारपीट मामले में हंगामा बढ़ता जा रहा है। इस मामले में उन्होंने शिकायत भी दर्ज कराई है। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर मारपीट और अभद्रता करने के आरोप लगाए हैं। मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई है। जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं जो विभव के आवास समेत अलग-अलग ठिकानों की जांच में लगी हैं। हालांकि, एफआईआर के बाद से केजरीवाल के पीएम विभव का कुछ पता नहीं चला है। घर पर पुलिस टीम पहुंची तो विभव कुमार की पत्नी मिली। उधर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी विभव कुमार को तलब किया है। इन सबके बीच स्वाति मालीवाल ने पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था। घटना पर मैंने पुलिस को अपना स्टेटमेंट दे दिया है। आशा है कि उचित कार्रवाई होगी।

स्वाति की शिकायत पर इन धाराओं में केस दर्ज

स्वाति मालीवाल की ओर से पुलिस शिकायत में उन्होंने पूरा मामले का जिक्र किया है। जानकारी के मुताबिक, घटना 13 मई को हुई जब सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने स्वाति मालीवाल पहुंची थीं। आरोप है कि सीएम आवास पर विभव कुमार ने मारपीट और बदसलूकी की थी, जिसके बाद स्वाति ने सीएम आवास से ही पीसीआर कॉल कर पुलिस को इस मामले की जानकारी दी थी। बाद में वह पुलिस थाने भी पहुंची थीं, लेकिन वह बिना शिकायत दिए ही वहां से निकल गईं। उस समय उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा था कि वह बाद में आकर लिखित में शिकायत देंगी। अब उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। आईपीसी की धारा 323, धारा 354, धारा 506 और धारा 509 के तहत दर्ज की गई है।

स्वाति मालीवाल की एफआईर की कॉपी
महोदय, 13 मई, 2024 को लगभग 9 बजे मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस, दिल्ली स्थित आवास पर गई थी। पहुंचकर, मैं कैंप कार्यालय के अंदर गई और सीएम के पीएस बिभव कुमार को फोन किया, लेकिन मैं संपर्क नहीं कर सकी। फिर मैंने उनके मोबाइल नंबर पर (व्हॉट्सएप के जरिए) एक संदेश भेजा। हालांकि कोई जवाब नहीं मिला। मैं फिर सीएम हाउस के मुख्य द्वार से आवासीय क्षेत्र के अंदर चली गई, जैसा कि मैंने पिछले एक साल में हमेशा किया है, क्योंकि बिभव कुमार सीएम हाउस में मौजूद नहीं थे। मैंने आवास क्षेत्र में प्रवेश किया और वहां मौजूद कर्मचारियों को सीएम को बताने के लिए सूचित किया कि मैं उनसे मिलने आई हूं। मुझे बताया गया कि वह घर में मौजूद हैं और मुझे ड्राइंग रूम में इंतजार करने के लिए कहा गया।

मैं ड्राइंग रूम में गई और सोफे पर बैठे बिभव कुमार कमरे में घुस आए। उन्होंने बिना किसी उकसावे के मुझपर चिल्लाना शुरू कर दिया और मुझे गाली भी देने लगे। मैं अचानक हुए इस दुर्व्यवहार से स्तब्ध रह गई और मैंने उनसे कहा कि वो मुझसे इस तरह बात करना बंद करें और सीएम को बुलाएं। वो कहते रहे, ‘तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी? कैसे नहीं मानेगी? साली तेरी औकात क्या है कि हमको न कर दे। समझती क्या है खुद को नीच औरत। तुझे तो हम सबक सिखाएंगे।’ ये कहते हुए वो मेरे सामने आकर खड़ा हो गए। बिना किसी उकसावे के उन्होंने मुझे पूरी ताकत से थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे कम से कम 7-8 बार थप्पड़ मारे और मैं चिल्लाती रही।

मैं बिल्कुल सुन्न और सदमे में थी और बार-बार मदद के लिए चिल्ला रही थी। खुद को बचाने के लिए मैंने उन्हें अपने पैरों से दूर धकेल दिया। उस समय वो मुझ पर झपटे, मुझे बेरहमी से घसीटा और जानबूझकर मेरी शर्ट ऊपर खींची। मेरी शर्ट के बटन खुल गए और शर्ट ऊपर उड़ गई। मैं फर्श पर गिर गई और मेरा सिर सेंटर टेबल से टकरा गया। मैं लगातार मदद के लिए चिल्ला रही थी लेकिन कोई नहीं आया। उसके बाद बिभव कुमार ने हार नहीं मानी और मेरे सीने, पेट और पेल्विस एरिया में अपने पैरों से लगातार लात मारकर मुझ पर हमला कर दिया। मैं बहुत दर्द में थी और उनसे रुकने के लिए कहती रही। मेरी शर्ट ऊपर आ रही थी लेकिन वो फिर भी मुझे पीटते रहे। मैंने उसे बार-बार कहा कि मुझे पीरियड्स हो रहे हैं और वो मुझे छोड़ दें क्योंकि मुझे असहनीय दर्द हो रहा है। हालांकि, उन्होंने बार-बार पूरी ताकत से मुझ पर हमला किया। मैं किसी तरह से छूटने में कामयाब रही।

फिर मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर बैठ गई और अपने चश्मे ढूंढा जो हमले के दौरान जमीन पर गिर गया था। मैं इस अकारण हमले से बुरी तरह सदमे में थी। मैंने 112 नंबर पर कॉल करके अपने खिलाफ अपराध की सूचना दी। बिभव ने मुझे धमकाया और कहा, ‘कर ले जो तुझे करना है। तू हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। तेरी हड्डी पसली तुड़वा देंगे और ऐसी जगह गाड़ेंगे किसी को पता भी नहीं चलेगा।’ फिर जब उसे पता चला कि मैंने 112 नंबर पर कॉल किया है तो वो कमरे से बाहर चले गए।

फिर, बिभव सीएम कैंप ऑफिस के मुख्य द्वार पर काम कर रहे सुरक्षाकर्मियों के साथ वापस आए। वे आए और बिभव के कहने पर मुझे जाने के लिए कहा। मैं उनसे कहती रही कि मुझे बेरहमी से पीटा गया है और उन्हें मेरी हालत देखनी चाहिए और पीसीआर पुलिस के आने तक इंतजार करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने मुझे परिसर से बाहर जाने के लिए कहा। मुझे सीएम आवास के बाहर ले जाया गया और मैं उनके घर के बाहर फर्श पर कुछ देर बैठी रही क्योंकि मैं बहुत दर्द में थी।

पीसीआर पुलिस आई, लेकिन मैं पूरी तरह से हतप्रभ थी और सिविल लाइंस में अपने पिछले निवास की ओर पैदल ही चल दी। मैं रो रही थी और किसी तरह अपने पिछले निवास तक पहुंचने में कामयाब रही। मैं कुछ देर वहीं जमीन पर बैठी रही और सीएम हाउस से मेरे साथ आए कुछ पुलिसकर्मियों ने मेरे अनुरोध पर मेरे लिए एक ऑटो बुलाया। मैं उसमें बैठ गई और अपने घर की ओर चल पड़ी, क्योंकि मैं बहुत दर्द में थी और पूरी तरह से सदमे में थी। किसी तरह मैंने हिम्मत जुटाई और ऑटो को वापस जाने के लिए कहा और मामले की रिपोर्ट करने के लिए सिविल लाइंस थाने गई।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version