रांची। झारखंड की सियासत में अभी सबसे चर्चित चेहरा हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी गांडेय विधानसभा उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार हैं। सियासत हो, प्लेन हो या फिर पानी वाला जहाज। कहते हैं कि दूसरों की सहायता करने से पहले खुद की मदद कीजिए। पहले अपना आॅक्सीजन मास्क या लाइफ जैकेट पहन लीजिए, लेकिन कल्पना मुर्मू सोरेन चुनावी मैदान में इस अवधारणा को तोड़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, कल्पना मुर्मू सोरेन गांडेय विधानसभा उपचुनाव में केवल अपने लिए ही वोट नहीं मांग रहीं, बल्कि कोडरमा लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन की तरफ से सीपीआइ एमएल के प्रत्याशी विनोद सिंह के लिए भी वोट की अपील कर रही हैं। कल्पना मुर्मू सोरेन न केवल जनता को तीर धनुष छाप पर बटन दबाने को कहती हैं, बल्कि ये भी अपील करती हैं कि वे विनोद सिंह के पक्ष में जम कर मतदान करें। तीन तारा निशान पर बटन दबायें।

कल्पना मुर्मू सोरेन गांडेय उपचुनाव में प्रत्याशी हैं
कल्पना मुर्मू सोरेन पहली बार चुनावी मैदान में हैं। पति हेमंत सोरेन जेल में हैं और इसलिए भी कल्पना मुर्मू सोरेन के पास दोहरी चुनौती है। दरअसल, गांडेय विधानसभा सीट कद्दावर झामुमो नेता डॉ सरफराज अहमद के इस्तीफे से खाली हुई है। ऐसे में कल्पना मुर्मू सोरेन की चुनौती है कि वे इस सीट को झामुमो की झोली में सुरक्षित वापस लेकर आयें। पिछले तकरीबन एक साल में जब से हेमंत सोरेन जांच एजेंसियों की पूछताछ और कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में कल्पना मुर्मू सोरेन को उनकी वास्तविक उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता रहा तो, इस विश्वास और भरोसे को चुनावी मैदान में साबित करना भी बड़ी चुनौती है। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कल्पना मुर्मू सोरेन झारखंड के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं। वह दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बहू हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी हैं। कल्पना मुर्मू सोरेन, गांडेय में बड़ी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का बोझ लेकर भी उतरी हैं। ऐसे में कल्पना का अपने साथ-साथ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार विनोद सिंह के लिए कैंपेन करना उनकी परिपक्वता को भी दर्शाता है।

कोडरमा में प्रत्याशी विनोद सिंह के लिए मांगा वोट
केवल इतना ही नहीं। गांडेय में इलेक्शन कैंपेन में बिजी रहने के बावजूद कल्पना, गठबंधन की तरफ से विभिन्न लोकसभा सीटों पर उतरे उम्मीदवारों को पक्ष में वोट करने की अपील करती हैं। चाइबासा में जोबा मांझी के साथ नामांकन में शामिल होना हो या फिर उनके पक्ष में जनसभा, कल्पना मुर्मू सोरेन साये की तरह साथ रहीं। कल्पना, कोडरमा लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी विनोद सिंह के नामांकन कार्यक्रम में भी शामिल हुईं। उनके पक्ष में जनसभा करते हुए वोट की अपील की। कल्पना, अपने सहयोगियों के लिए भी लगातार चुनाव प्रचार कर रही हैं। लगातार यात्राएं कर रही हैं। इस बीच गांडेय में भी जनता के बीच जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में नुक्कड़ सभाएं करती हैं। कल्पना मुर्मू सोरेन के लिए यह सब मुश्किल होगा, लेकिन सियासत में विरासत की बड़ी जिम्मेदारी कहां रूकने देती है।

गांडेय में नुक्कड़ सभाएं कर रही हैं कल्पना मुर्मू सोरेन
कल्पना का अपने सहयोगियों के लिए चुनाव प्रचार करना चर्चा का विषय इसलिए भी है, क्योंकि वह खुद गांडेय में चुनाव लड़ रही हैं। पिछले तकरीबन एक साल से जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा थी, गांडेय उपचुनाव उसी का उपसंहार है। कल्पना को हेमंत सोरेन का सर्वश्रेष्ठ विकल्प बताया गया। उन्हें आगे करने की वजह से हेमंत सोरेन को परिवार के भीतर और पार्टी में भी विरोध का सामना करना पड़ा। परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने तो पार्टी छोड़ दी। वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम भी राजमहल में बगावत कर चुके हैं। दबी आवाज में नाराजगी के कुछ और स्वर उठे होंगे। गांडेय, झारखंड मुक्ति मोर्चा की परंपरागत सीट रही है। यह झामुमो के लिए सुरक्षित सीट भी रही है तो जाहिर है कि जिम्मेदारी भी बड़ी है। चुनावी राजनीति में लॉन्चिंग ही नहीं, बल्कि कल्पना मुर्मू सोरेन एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ चुनावी मैदान में उतरी हैं। ऐसे में किसी भी नेता का फोकस स्वाभाविक रूप से अपनी जीत पर होगा, लेकिन कल्पना जानती हैं कि पार्टी को उनसे क्या उम्मीदे हैं। पति हेमंत सोरेन और गुरुजी को उनसे क्या आशा है।

कल्पना जानती हैं कि उनका सफरनामा केवल विधायक चुने जाने का नहीं है, बल्कि नेता बनने तक का है और नेता स्वार्थी नहीं हो सकता। वे दायरे में कैद नहीं हो सकता। कल्पना इसे बखूबी निभा रही हैं। वह कोडरमा में विनोद सिंह सहित अन्य लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी और गठबंधन के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में भी खूब प्रचार कर रही हैं। लंबी यात्राएं कर रही हैं। हेमंत सोरेन की आवाज बन कर जनता के बीच जा रही हैं।

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