ठेकों में कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ चार दिनों से चल रही कार्रवाई में नया खुलासा हुआ है। ईडी ने जांच में पाया है कि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल ने अपनी पत्नी रीता लाल के नाम पर कई कंपनियां बनायी थी। इन कंपनियों के नाम पर ठेके-पट्टे लिए जाते थे। कुछ कंपनियां कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम भी करती हैं। रीता लाल की कंपनियों के जरिए भी मनी लाउंडिंग के साक्ष्य मिले हैं।
जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि रीता लाल के साथ इन कंपनियों में ठेकेदार मुद्रा सिंह भी निदेशक हैं। मुन्ना सिंह के यहां से भी ईडी ने छापेमारी के दौरान 6 मई को 2.93 करोड़ रुपये बरामद किए थे। रीता लाल की कंपनियों के जरिए मनी लाउंडिंग से जुड़े पहलुओं पर ईडी ने गुरुवार को पूछताछ की। ईडी सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में ठेकेदार मुद्रा सिंह और राजीव सिंह से पूछताछ की जाएगी। राजीव सिंह के यहां से भी ईडी ने 7 मई को 2.14 करोड़ बरामद किए थे।
अनुसंधान के क्रम में ईडी को यह पता चला था कि मुझा और राजीव के यहां से बरामद राशि भी संजीव लाल को दी जानी थी। अब तक कुल 37. 29 करोड़ रुपये की बरामदगी हो चुकी है।