पूर्वी चंपारण। जिले के पीपरा कोठी कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में केवल बछिया देने वाली हाई टेक्नोलोजी का लेबोरेटरी बनकर तैयार हो गया है।लेबोरेटरी में अगले माह से गायों में आईवीएफ पद्धति से भ्रूण प्रत्यारोपण कर केवल बछिया जननी कार्य शुरू कर दिया जायेगा। इस निषेचन पद्धति से दूध की मात्रा व गुणवत्ता में असामान्य वृद्धि होगी।

इस तकनीक के विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि गाय के अंडे को प्रयोगशाला में निषेचन के बाद सात दिनों में यह पता चल जाएगा कि भ्रूण नर है या मादा। इसके पहचान के लिए लेबोरेटरी में स्कैनिग मशीन लगाया गया है।पहचान के बाद उसे गायों के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाएगा।

उन्होंने बताया इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) एक जैव प्रौद्योगिकी तकनीक है। जो मानव की भांति पशुओ में भी व्यापक रूप से किया जाता है। पशुधन में आईवीएफ के कई फायदे सामने आये है।इस तकनीक से पशुओ के दूध उत्पादन में वृद्धि होने के साथ ही उनमे रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी वृद्धि दर्ज की जा रही है।

डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि इस तकनीक को मल्टीपल ओव्यूलेशन व एम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक भी कहा जाता है। इस तकनीक के इस्तेमाल से एक गाय से एक साल में एक से अधिक बछिया मिल सकता हैं।

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