गाजियाबाद। थाना साइबर क्राइम पुलिस ने साइबर ठगी के पीड़ितों को बड़ी राहत दिलाई है। पुलिस ने ठगी के पीड़ित 55 व्यक्तियों के 6.73 करोड़ रुपये वापस कराए। यह धनराशि कोर्ट के आदेश के बाद रिफंड कराए गए।

एडीसीपी सच्चिदाननद ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस कमिश्नरेट ने विभिन्न साइबर फ्राड की घटनाओं में तत्काल अभियोग पंजीकृत कर तत्परता से कार्यवाही की और बैंकों से सम्पर्क कर उन बैंक खातों को फ्रीज कराया। ये घटनाएं जैसे टेलीग्राम टास्क फ्राड, शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड, फेडेक्स कुरियर फ्राड व पुलिस आफिसर बन मुकदमे में फंसाने का भय दिखाकर फ्राड करने आदि में कुल-116 अभियोग पंजीकृत किए गए। इसमें 27 जनवरी से 08 मई तक कुल सात करोड़, 98 लाख 32 हजार 787 की धनराशि होल्ड कराते हुए 55 व्यक्तियों के छह करोड़ 73 लाख 45 हजार 787 रुपये वापस कराए। इसके बाद राहत पाने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी लौट आई और उन्होंने पुलिस के इस कार्य की प्रशंसा की। एडीसीपी ने साइबर अपराध से बचाव के तरीके को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है।

साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों पर करें अमल-

-शेयर ट्रेडिंग फ्राड से बचने के लिए आधिकारिक डीमेट अकाउंट से ही शेयर ट्रेडिंग करें।

-किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।

-टेलीग्राम टास्क फ्रॉड से बचें।

-क्रेडिट कार्ड लिमिट बढाने आदि को लेकर आने वाली कॉल पर कोई भी बैंक डिटेल एवं ओटीपी शेयर न करें।

– किसी भी सोशल साइट पर बिना पूर्ण जानकारी के किसी भी ग्रुप (टेलीग्राम/व्हाटसएप आदि) से न जुडें।

– किसी के कहने पर कोई रिमोट एक्सेस ऐप जैसे- एनीडेस्क/टीम व्यूवर आदि डाउनलोड न करें।

– वर्क फ्राम होम के ऐड देखकर लालच में न पड़े।

– सोशल मीडिया से संबंधित एप्लीकेशन में सुरक्षा के लिए टू-स्टेप एथेन्टीकेशन का हमेशा प्रयोग करें।

– किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को गूगल पर सर्च करते समय संबंधित कंपनी की अधिकारिक वेबसाइट से ही नंबर लें।

– जाब के नाम पर, लोन के नाम पर, टावर लगाने के नाम पर एवं लाटरी के नाम पर, रिश्तेदार बनकर यदि कोई आपसे पैसा मांगता है तो आपके साथ फ्राड हो सकता है, उससे बचें।

साइबर वित्तीय फ्राड होने पर तत्काल हेल्पलाइन नं0-1930 पर काल करें अथवा साइबर फ्राड होने पर वेव साइट https://cybercrime.gov.in पर आनलाइन शिकायत दर्ज कराएं।

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