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    Home»झारखंड»संविधान का बार-बार अपमान करने वाले आज संविधान बचाने की बात कर रहे : प्रतुल शाहदेव
    झारखंड

    संविधान का बार-बार अपमान करने वाले आज संविधान बचाने की बात कर रहे : प्रतुल शाहदेव

    adminBy adminMay 21, 2024Updated:May 21, 2024No Comments3 Mins Read
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    रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग संविधान बचाने की बात कहकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। दरअसल, संविधान का सर्वाधिक बार अपमान इसी इंडी गठबंधन के लोगों ने किया है। प्रतुल शाह देव मंगलवार को मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता कर रहे थे।

    प्रतुल ने कहा कि संविधान का पहला संशोधन 1951 में जवाहरलाल नेहरू ने किया था जब वह अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे। अभिव्यक्ति की आजादी पर कई पाबंदियां लगाई थी। प्रतुल ने कहा कि 1975 में जब राजनारायण मामले में इंदिरा गांधी मुकदमा हार गई तो उन्होंने पूरे संविधान को ही सस्पेंड करते हुए देश में आपातकाल लगा दिया। लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए। नसबंदी की जाने लगी। वर्, 1976 में 42वें संशोधन के जरिए इंदिरा गांधी ने संविधान का सबसे बड़ा परिवर्तन किया था, जिसमें 20 प्रतिशत संविधान को बदल दिया गया। राज्य सरकार, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट की शक्तियों को कम करके पीएमओ को दे दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने मिनर्वा वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया मामले में इसके विवादास्पद प्रावधानों को निरस्त किया।

    प्रतुल ने कहा कि इसके बाद राजीव गांधी ने 1986 में शाहबानो मामले में सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलते हुए संविधान की मूल भावना के विपरीत जाकर अदालत के निर्णय को पलटवा दिया। इसके अतिरिक्त संविधान में प्रेस की आजादी वर्णित है लेकिन राजीव गांधी ने 1988 में मानहानि विधायक लाकर प्रेस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि संविधान की कोख से जन्मे संसद के कैबिनेट से पास अध्यादेश को शहजादे राहुल गांधी ने 2013 में सार्वजनिक रूप से फाड़कर देश के संविधान का अपमान किया था। साथ ही कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों को देश के संविधान पर भरोसा ही नहीं है।

    प्रतुल ने कहा कि केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की सारी सीमाएं यूपीए के शासनकाल में भी पार कर दी। उन्होंने कहा 2013 – 14 का यूपीए सरकार का आउटकम बजट में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि बजट की राशि का 15 प्रतिशत हिस्सा अल्पसंख्यक के लिए अलग-अलग स्कीमों में प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके उलट मोदी सरकार का मूल मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। कांग्रेस के लिए अल्पसंख्यक का अर्थ सिर्फ मुस्लिम होता है। क्योंकि, यदि जैन, बौद्ध, पारसी और क्रिश्चियन भी उनके अल्पसंख्यक की सूची में आते तो यह सीएए का विरोध नहीं करते।

    प्रतुल ने कहा कि आज कांग्रेस पूरे देश में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रूप से सीपीएम के साथ गठबंधन में है, जिसने अपने मेनिफेस्टो में धारा 370 को हटाने का वचन दिया है। इसके अतिरिक्त सीपीएम ने सीएए, ईडी और परमाणु हथियारों के जखीरा को समाप्त करने की बात कहकर भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने सहयोगियों से अपने हिडन एजेंडा को लागू कराने का प्रयास कराया है। कांग्रेस के किसी नेता ने सीपीएम के इस ऐलान की निंदा नहीं की है।

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