ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथ पत्र में बताया है कि भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में अनुसंधान के क्रम में हुए खुलासे को लेकर राज्य सरकार व पुलिस को अवगत कराया गया था। लेकिन नौकरशाहों और पावर ब्रोकरों से जुड़े मामले में कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार निष्क्रिय रही। ईडी ने कोर्ट में बताया है कि पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत एजेंसी ने जो सूचनाएं दी थीं, नियमत उन मामलों में राज्य सरकार व पुलिस को पीसी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत केस करना चाहिए था। ईडी ने शपथ पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार के मुख्य सचिव, डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखने के बाद रिमाइंडर भी भेजा गया, लेकिन तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे, ऐसे में उनके प्रभाव में राज्य की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
1. आईएएस पूजा सिंघल केस ईडी ने बताया है कि आईएएस पूजा सिंघल की आय से अधिक संपत्ति की जानकारी एजेंसी ने दी थी। कई जिलों में पोस्टिंग के दौरान भ्रष्टाचार के साक्ष्य दिए गए थे। इससे जुड़ा पत्र पहली बार 18 नवंबर 2022 को भेजा गया था। इसके बाद 10 जनवरी 2023, 10 फरवरी 2023, 24 फरवरी 2023 और 4 मई 2023 को कार्रवाई के लिए रिमाइंडर भेजा गया था।
2. इजहार अंसारी से जुड़ा कोल घोटाला ईडी ने बताया है कि सरकारी कोयले का आवंटन करा इसे ओपन मार्केट में बेचे जाने का मामला इजहार अंसारी के खिलाफ जांच में आया था। इस मामले में भी पूजा सिंघल के द्वारा आवंटन किए जाने की बात सामने आयी थी। ईडी ने पूजा सिंघल की संपत्तियों का अटैचमेंट ऑर्डर भी राज्य सरकार को भेजा। इस संबंध में 23 जून 2023 को पत्र भेजा गया था।