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    Home»Jharkhand Top News»सोनम वांगचुक : उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे: हेमंत सोरेन
    Jharkhand Top News

    सोनम वांगचुक : उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे: हेमंत सोरेन

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 27, 2025No Comments2 Mins Read
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    रांची। लेह-लद्दाख के प्रख्यात पर्यावरणविद् और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने पूरे देश में नई बहस छेड़ दी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जल, जंगल, जमीन, भाषा, संस्कृति और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाली आवाजों को दबाने की चाल पर पूरे देश की नजर है।

    वांगचुक लंबे समय से लद्दाख की पहचान, जमीन और भाषा-संस्कृति की सुरक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी आंदोलन के तहत उन्होंने हाल ही में अनशन भी किया था। लेकिन 24 सितंबर को लद्दाख क्षेत्र में हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर केंद्रीय कारा में नजरबंद कर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार के खिलाफ क्षेत्रीयता समर्थकों और सामाजिक संगठनों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वांगचुक की गिरफ्तारी सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि विचारधारा की लड़ाई का प्रतीक है। उनका कहना है कि लद्दाख की मिट्टी और संस्कृति को बचाने की मांग दबाई नहीं जा सकती। वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह बयान संकेत देता है कि विपक्ष अब वांगचुक के समर्थन में एकजुटता दिखा सकता है।

    इस पूरे विवाद ने जनता के बीच यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या लद्दाख की अस्मिता की आवाज वास्तव में दबाई जा रही है या प्रशासनिक कार्रवाई को नई राजनीति का रूप दिया जा रहा है।

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