आजाद सिपाही संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनी। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया गया। यह ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट 300 करोड़ रुपये से तैयार की गयी है। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम की देन है। इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। यह फायर एंड फॉरगेट सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।
आखिर क्यों चर्चा में है ब्रह्मोस मिसाइल?
दरअसल, लखनऊ रविवार को रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से दिल्ली से समारोह में जुड़े और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस परियोजना का उद्घाटन किया। यह कदम रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात में सामरिक शक्ति को नयी धार देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
सबसे पहले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के बारे में जानिए
ब्रह्मोस एक सार्वभौमिक लंबी दूरी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है, जिसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के नैटिक पॉलीमर्स एंड आॅर्गनिक्स (एनपीओएम) के संयुक्त उद्यम के तहत विकसित किया गया है। इस प्रणाली को एंटी-शिप और लैंड-अटैक भूमिकाओं के लिए दो वैरिएंट के साथ डिजाइन किया गया है। ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को भारतीय नौसेना के साथ-साथ भारतीय सेना में भी शामिल किया गया है।
शिप आधारित हथियार प्रणाली
नौसेना के आइएनएस त्रिकंद से किये गये सफल परीक्षण फायरिंग के दौरान मिसाइल ने अलग-अलग दिशाओं में एक या अलग-अलग लक्ष्यों को मार गिराने की अपनी क्षमता भी साबित की है। ‘सैल्वो’ मोड में हथियार को अलग-अलग दिशाओं में 2-2.5 सेकंड के अंतराल में लॉन्च किया जा सकता है। आठ ब्रह्मोस मिसाइलों का एक समूह आधुनिक एंटी-मिसाइल सुरक्षा वाले लक्ष्यों के समूह को भेदकर पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।
जमीन आधारित हथियार प्रणाली
ब्रह्मोस अपनी रफ्तार, सटीकता और विनाशकारी ताकत के साथ एक खतरनाक हथियार प्रणाली है। जमीन से मार करने वाली हथियार प्रणाली में चार से छह मोबाइल स्वायत्त लॉन्चर शामिल हैं, जिन्हें एक मोबाइल कमांड पोस्ट और एक मिसाइल पुन:पूर्ति वाहन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। माल एक वाहन है, जिसका अपना संचार, बिजली आपूर्ति और अग्नि नियंत्रण प्रणाली है। तीन कंटेनरों में रखी गयी तीन ब्रह्मोस मिसाइलें लॉन्चर पर रहती हैं। मिसाइलों को तीन अलग-अलग लक्ष्यों पर या एक साथ कई अन्य संयोजनों में दागा जा सकता है। जमीन से मार करने वाला संस्करण भी जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से लैस है।
खासियतें
कनेक्टिविटी: फायर कंट्रोल सिस्टम, लॉन्चर और जहाज के नेविगेशन और सेंसर के साथ इंटर-कनेक्टिविटी।
साल्वो लॉन्च क्षमता: एक या कई लक्ष्यों को ध्वस्त करने के लिए कई मिसाइलों को अलग-अलग प्रक्षेप पथों में दागा जा सकता है।
नेविगेशन और रडार: मिसाइल इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और होमिंग रडार सीकर से लैस।
सटीकता: इसे जीपीएस या ग्लोनास को जोड़ा जा सकता है।
गिनी चुनी जमीन आधारित प्रणालियों में से एक: लांचर, जो तीन मिसाइलों को तीन अलग-अलग लक्ष्यों पर या कई अन्य संयोजनों में एक साथ लॉन्च कर सकता
ताकत: अत्यधिक उन्नत कमांड और नियंत्रण प्रणाली, जो सीफोरआइ वातावरण (अधिक कुशल रक्षा और सैन्य क्षमता) में संचालन करने में सक्षम
खतरे को भांपने की क्षमता: मॉड्यूलर कॉन्फिगरेशन, यह खतरा होने पर खुद को उसके हिसाब से ढालने में सक्षम
टिकाऊ: आसान रखरखाव और लंबा जीवन
कंट्रोल क्रू: एनबीसी सुरक्षा के साथ वातानुकूलित नियंत्रण चालक दल केबिन