ब्राउनश्वेग (जर्मनी)। करीब एक दशक पहले शुरू हुए ‘डीजलगेट’ उत्सर्जन घोटाले में वोल्क्सवैगन के चार पूर्व वरिष्ठ प्रबंधकों को धोखाधड़ी का दोषी पाया गया है। जर्मनी के ब्राउनश्वेग शहर की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए दो अभियुक्तों को जेल की सजा, जबकि दो को निलंबित सजा (सस्पेंडेड सेंटेंस) सुनाई।
अदालत ने जिन चार लोगों को दोषी पाया है, उनमें हाइन्ज-याकब न्यूसर, जो वोल्क्सवैगन में विकास प्रमुख थे, को 01 वर्ष 03 महीने की निलंबित सजा सुनाई गई। हैनो जे, जो कंपनी में ड्राइव इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख थे, को 02 वर्ष 07 महीने की जेल की सजा दी गई। जेंस एच, जो डीजल मोटर विकास प्रमुख थे, को सबसे कड़ी सजा 04 वर्ष0 6 महीने की जेल दी गई। जबकि चौथे अभियुक्त को 01 वर्ष 10 महीने की निलंबित सजा सुनाई गई। इन सभी को अपील का अधिकार प्राप्त है।
इस मामले में अमेरिका में पहले ही दो वोल्क्सवैगन अधिकारियों को जेल हो चुकी है। वोल्क्सवैगन की सहयोगी कंपनी ऑडी के पूर्व प्रमुख रूपर्ट स्टैडलर को 21 महीने की निलंबित सजा और €1.1 मिलियन का जुर्माना लगाया गया, जिसकी अपील अभी विचाराधीन है। इस केस में वोल्क्सवैगन के पूर्व सीईओ मार्टिन विंटरकोर्न को भी आरोपित बनाया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उनके खिलाफ प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। विंटरकोर्न ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।
फिलहाल जर्मनी में इस घोटाले से जुड़े 31 अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्यवाही अब भी जारी है।
क्या था ‘डीजलगेट’ घोटाला
यह घोटाला सितंबर 2015 में सामने आया था जब अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने वोल्क्सवैगन पर आरोप लगाया कि कंपनी ने इंजन नियंत्रण सॉफ्टवेयर में हेरफेर कर वाहन परीक्षणों में कम उत्सर्जन दिखाया, जबकि वास्तविक ड्राइविंग में गाड़ियां कई गुना ज्यादा प्रदूषण छोड़ रही थीं। इस खुलासे के बाद वोल्क्सवैगन को वैश्विक स्तर पर 33 अरब डॉलर (करीब 2.75 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा के जुर्माने और मुआवजे चुकाने पड़े।