अगरतला। त्रिपुरा पुलिस ने गुरुवार को स्थानीय ग्रामीणों की मदद से सेपाहिजला जिले के मधुपुर थाना क्षेत्र के पथरियादर बॉर्डर इलाके से एक बांग्लादेशी परिवार के पांच सदस्यों को हिरासत में लिया। इनमें तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें पूछताछ के लिए मधुपुर थाने लाया गया। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि वे काम की तलाश में दिल्ली जाने के इरादे से अवैध रूप से सीमा पार कर भारत आए थे।

उनके अनुसार, कुछ बांग्लादेशी मानव तस्करों ने उन्हें भारत लाने में मदद की और पथरियादर इलाके में कांटेदार तार के नीचे बने एक पानी के कलभर्ट के जरिए उन्हें पार कराया। तस्कर उनसे 15,000 बांग्लादेशी टाका और एक मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए। इसके बाद तस्करों ने उन्हें निर्देश दिया कि उसी कलभर्ट से भारतीय सीमा में घुसें।

बताया जा रहा है कि वे बीएसएफ की निगरानी से बचकर भारत में दाखिल हुए और रातभर इलाके में घूमते रहे। गुरुवार सुबह स्थानीय लोगों ने उन्हें संदिग्ध अवस्था में घूमते देखा और पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सभी पांचों लोग बांग्लादेश के रंगपुर डिविजन के कुरिग्राम ज़िले के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनकी पहचान मोनीर खान, उनकी पत्नी साहेबा खातून, बेटे शहजालाल खान और स्वाधीन खान तथा बहू दुलाली खातून के रूप में की है। मानव तस्करी के इस मामले में बांग्लादेशी गिरोह की भूमिका सामने आई है। इसमें भारतीय पक्ष के कुछ स्थानीय एजेंट भी शामिल हो सकते हैं।

जानकारी मिली है कि त्रिपुरा के आदर्श कॉलोनी इलाके के कुछ युवकों ने भी इस अवैध प्रवेश में मदद की। पुलिस ने इन संभावित आरोपितों की जांच शुरू कर दी है। मधुपुर थाने के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में कुछ जानकारियां मिली हैं, लेकिन पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए और पूछताछ जरूरी है। फिलहाल पुलिस भारतीय एजेंटों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है। सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए लोग दिल्ली में काम की तलाश में जाना चाहते थे।

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