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    Home»देश»भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्र हित से बड़ा कोई धर्म नहीं : उपराष्ट्रपति धनखड़
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    भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्र हित से बड़ा कोई धर्म नहीं : उपराष्ट्रपति धनखड़

    shivam kumarBy shivam kumarMay 4, 2025Updated:May 4, 2025No Comments3 Mins Read
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    -ग्वालियर में उपराष्ट्रपति ने कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षक-छात्रों से किया संवाद
    भोपाल। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारत के सामने पहलगाम की चुनौती है। दूसरी ओर राजमाता की प्ररेणा है। उनकी जो प्रेरणा है। राष्ट्रवाद सर्वप्रिय है। हम भारतीय हैं। भारतीयता हमारी पहचान है। राष्ट्र हित से बड़ा कोई धर्म नहीं हैं। कोई भी राष्ट्रहित से बड़ा नहीं हो सकता। हमें राष्ट्रवाद के प्रति पूरा समर्पण रखना चाहिए।

    उप राष्ट्रपति धनखड़ रविवार शाम को ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे।

    उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में छात्रों से कहा कि मैं बड़े मन से आप लोगों से बात करने आया हूं। सबसे बड़ा विषय विजयाराजे सिंधिया से जुड़ा है। वे छह बार सांसद रह रहीं। मुझे लोकसभा में उनके संपर्क में आने का मौका और उनका आशिर्वाद मिला।

    उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि किसान अन्नदाता है, किसान भाग्य विधाता है। हर काल हर काल खंड पर जब देश में संकट आया, हमने किसान को याद किया। पंडित लाल बहादुर शास्त्री जब देश के प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने नारा दिया जय जवान जय किसान। किसान और जवान के प्रति देश ने सदैव आदर के भाव से देखा। और जब अटल बिहारी बाजपेई देश के प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने इस नारे में नया आयाम जोड़ा। जय जवान जय किसान जय विज्ञान। इस कसौटी पर आपको खरा उतरना है। क्योंकि जवान और किसान दोनों विज्ञान से प्रभावित हुए थे। इसमें एक नई मिसाल देते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नया आयाम जोड़ते हुए इसे जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय अनुसंधान किया।

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता किसान के खेत से निकलता है। कई बार मन की बात को मन में रखना पड़ता है। कुछ चुनौतियां आती है जिनकी हम कई कारणों से चर्चा नहीं करते। पर किसान के मामले में मैं इसका पालन नहीं करता। किसान के दर्द और किसान के जीवन में बदलाव को रास्ता सुझाना हो ये हमारा कर्तव्य है।

    उन्होंने कहा कि किसान के मामले में कोई कूटनीति विफल होती है तो ये ठीक बात नही हैं। मुझे प्रसन्नता है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने किसान की पीड़ा को भांप लिया है और संवाद जारी कर दिया है। मेरे मन में कोई शंका नहीं है कि किसान से बातचीत होगी और किसान समझेगा कि किसान के लिए भारत सरकार के लिए कितनी अच्छी नीतियां हैं। मुझे उम्मीद है कि किसान इस बात को समझेंगे। सरकार किसान सम्मान निधि और सब्सिडी के माध्यम से सहयोग कर रही है। ये आपने आप में बड़ी बात है कि आज देश के हर एक किसान के खाते में यह राशि सीधे पहुंच रही है। हर हाल में किसान को मजबूती देनी जरूरी है। यह राष्ट्रवाद को भी बढ़वा देगा और विकसित भारत के रास्ते खोलेगा।

    उप राष्ट्रपति ने इस दौरान राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं को नई संसद भवन भ्रमण का निमंत्रण दिया और इस दौरान कृषि पर विस्तार से चर्चा करने की बात कही।

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    shivam kumar

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