पश्चिम सिंहभूम। पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित सेल (सेल) प्रबंधन की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरु इकाई ने सोमवार को जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मेघाहातुबुरु स्थित सेल के जनरल ऑफिस के समक्ष आयोजित हुआ, जिसमें यूनियन के नेताओं और सदस्यों ने प्रबंधन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
धरने में यूनियन ने स्पष्ट मांग रखी कि बोकारो में हो रही नियुक्तियों के तहत कर्मचारियों को मेघाहातुबुरु में न भेजा जाए। उनका कहना था कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की सभी नियुक्तियाँ मेघाहातुबुरु प्रबंधन के अधीन होनी चाहिए और इन नियुक्तियों में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को शत-प्रतिशत प्राथमिकता दी जाए।
प्रदर्शनकारियों ने मेघाहातुबुरु के सेल अस्पताल की बदहाल स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि वर्षों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी के चलते कर्मचारी और स्थानीय जनता गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। यूनियन ने सभी प्रकार के विशेषज्ञ डॉक्टरों की शीघ्र नियुक्ति की मांग की ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं स्थानीय स्तर पर मिल सकें।
इसके साथ ही बिजली और पेयजल संकट का मुद्दा भी प्रदर्शन का प्रमुख हिस्सा रहा। यूनियन का कहना था कि पिछले एक सप्ताह से टाउनशिप में बिजली और पानी की भारी किल्लत है, जिससे सेलकर्मी और स्थानीय निवासी दोनों परेशान हैं। उन्होंने इस समस्या के स्थायी और त्वरित समाधान की मांग की।
धरने में 39 महीने से बकाया एरियर के भुगतान की भी मांग की गई। यूनियन नेताओं ने कहा कि कर्मचारियों को उनका हक नहीं देना एक प्रकार का आर्थिक शोषण है, खासकर महंगाई के इस दौर में। उन्होंने तत्काल बकाया एरियर के भुगतान की मांग की।
ठेका मजदूरों से जुड़े मुद्दों को भी धरना-प्रदर्शन में प्रमुखता से उठाया गया। यूनियन ने आरोप लगाया कि ठेकेदार रोजगार के नाम पर भारी रकम की मांग कर रहे हैं और मजदूरों का खुलकर शोषण कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी प्रथाओं पर रोक लगाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
संघ के महासचिव अफताब आलम ने चेतावनी दी कि यदि इन सभी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन एक बड़े और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कर्मचारियों की नहीं, बल्कि स्थानीय जनता के अस्तित्व और अधिकारों की भी लड़ाई है।
धरना प्रदर्शन में यूनियन के वरिष्ठ नेता अफताब आलम, इंतखाब आलम, जगजीत सिंह गिल, दयानंद कुमार, राम हेस्सा, अमरनाथ यादव, शशि नाग, अमित रावत, गोपीनाथ पान, प्रकाश हेम्ब्रम, सुदर्शन पान, साधु राम चातर, तुड़ीत गोराई, चरण मुंडू, दीपक राम और मिंजकेश मिंज सहित बड़ी संख्या में सदस्य शामिल रहे।