नई दिल्ली। भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी रणनीति में बड़ा और निर्णायक बदलाव करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी प्रकार के आतंकी हमले को ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा। भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी रणनीति में बड़ा और निर्णायक बदलाव करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी प्रकार के आतंकी हमले को ‘युद्ध की कार्यवाही’ माना जाएगा। उच्च सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार ने साफ किया है कि ऐसे किसी भी हमले का जवाब “पूरी सैन्य ताकत” से दिया जाएगा — चाहे वह सीमा पार से हो या भारत के भीतर किसी नेटवर्क के ज़रिए।
यह कड़ा संदेश मुख्य रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करता है, जिसे भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का प्रायोजक मानता आया है। सूत्रों का कहना है कि भारत ने हाल के महीनों में पाकिस्तान की ओर से किए गए कई सैन्य ‘उकसावों’ को नाकाम किया है, जिनमें ड्रोन के ज़रिए हथियारों की आपूर्ति, लड़ाकू विमानों की आक्रामक उड़ानें और सीमावर्ती सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिशें शामिल हैं।

सरकारी सूत्रों का यह भी कहना है कि भारत ने पश्चिमी सीमा पर ‘काउंटर-इंटेलिजेंस’ और ‘एयर डिफेंस’ की व्यवस्थाओं को इतना मज़बूत कर लिया है कि किसी भी आकस्मिक या योजनाबद्ध हमले को रोकने की क्षमता अब कहीं अधिक सशक्त हो गई है। हाल के महीनों में पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से भेजे गए कई ड्रोन या तो मार गिराए गए हैं या तकनीकी जैमिंग से निष्क्रिय कर दिए गए हैं।
इसके साथ ही, भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यह रुख साफ करेगा कि ‘आतंकवाद और पारंपरिक युद्ध के बीच अब कोई फर्क नहीं किया जाएगा’ — खासकर तब, जब हमला राज्य-प्रायोजित हो या उसके पीछे साजिश में कोई देश शामिल हो। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि रणनीतिक स्तर पर जवाब देगा — वह भी समय और जगह अपनी पसंद से चुनेगा। यह नई नीति स्पष्ट और निर्णायक है।”

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