विशेष
33 देशों के सामने ‘आतंकिस्तान’ को बेनकाब करेगा भारतीय प्रतिनिधि मंडल
इसके बाद पाकिस्तान को एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल कराया जायेगा
भारत के इन कूटनीतिक अभियानों से वैश्विक स्तर पर घिर गया है पाकिस्तान
नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
पहलगाम में बर्बर नरसंहार के बाद पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक और सैन्य स्ट्राइक कर भारत ने ‘आतंकिस्तान’ की कमर पहले ही तोड़ दी है, लेकिन अभी उसकी दुर्गति बाकी है। इसलिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘कूटनीतिक स्ट्राइक’ की है, जिसके पहले ही प्रहार से पाकिस्तान बिलबिलाने लगा है। भारत सरकार ने एक अहम कूटनीतिक पहल के तहत ‘आउटरीच प्रोग्राम’ की शुरूआत की है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के बारे में दुनिया भर के देशों को जानकारी देना है। यह अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू हुआ है और कुल 33 देशों में भारतीय प्रतिनिधि मंडल पहुंच गया है। इन प्रतिनिधि मंडलों में देश की अलग-अलग पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल किये गये हैं और ये आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखेंगे। जिन 33 देशों में भारतीय प्रतिनिधि मंडल गया है, उनमें से लगभग 15 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं। इनमें पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हैं, जो हर दो साल में बदलते रहते हैं। इसके अलावा पांच और देश ऐसे हैं, जो आने वाले समय में सुरक्षा परिषद के सदस्य बनने वाले हैं। इसके अलावा कुछ अन्य देशों को भी चुना गया है, जिनकी आवाज वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस महत्वपूर्ण कूटनीतिक अभियान के बाद पाकिस्तान को वैश्विक एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, यानी एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने का अभियान शुरू होगा, ताकि आतंक की फैक्ट्री को वैश्विक स्तर पर आर्थिक मदद से वंचित किया जा सके। पाकिस्तान के खिलाफ क्या है भारत का कूटनीतिक प्लान और क्या होगा इसका असर, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
पहलगाम में पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल को किये गये बर्बर नरसंहार के बाद भारत का पाकिस्तान पर प्रहार का सिलसिला लगातार जारी है। पहले सिंधु का पानी रोकने के आर्थिक प्रहार के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये सैन्य प्रहार कर पाकिस्तान की कमर तोड़ी गयी। अब भारत ने पाकिस्तान के झूठे आख्यान को दुनिया के सामने बेपर्दा करने के लिए ‘कूटनीतिक स्ट्राइक’ किया है। इसके तहत भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल अलग-अलग देशों में पहुंच गये हैं। ये प्रतिनिधि मंडल कुल मिला कर 33 देशों का दौरा करेगा और उन देशों में आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करेगा। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुकाबला करते हुए आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थायित्व समेत कई अहम मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना है। इन दलों में अनुभवी और वरिष्ठ सांसद हैं, जो मेजबान देश के सांसदों, अधिकारियों और बुद्धिजीवियों के सामने पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने और उसके झूठे प्रोपेगैंडा को तथ्यों के साथ प्रभावी ढंग से उजागर करेंगे। इस तरह मित्र राष्ट्रों के साथ सीधा कूटनीतिक जुड़ाव भारत की विश्वसनीयता बढ़ायेगा और उन्हें दक्षिण एशिया की सुरक्षा गतिशीलता की बेहतर जानकारी हो सकेगी।
इस कारण से भारत ने की ‘कूटनीतिक स्ट्राइक’
पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे और भारत के आंतरिक मामलों को संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर उठाकर अंतरराष्ट्रीकरण करने का कुचक्र रचा। इसलिए भारत को पाकिस्तान के झूठ का भंडाफोड़ करने के लिए कई रणनीतिक मोर्चों पर काम करने की जरूरत पड़ी। इसके तहत ही सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडलों को कई देशों में भेजने का निर्णय भी इसी रणनीतिक कदम का हिस्सा है, ताकि आतंकवाद को प्रश्रय देकर खुद को पीड़ित दिखाने का ढोंग रचने वाले पाकिस्तान की साजिशों से दुनिया वाकिफ हो सके और उसके घड़ियाली आंसुओं के षड्यंत्र में न फंसे।
क्या होगा इस अभियान का असर
इस अभियान के कई महत्वपूर्ण प्रभाव होंगे। पहला, प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य शांति, क्षेत्रीय स्थायित्व और आतंकवाद के विरुद्ध प्रयासों को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को जाहिर करना है। दूसरा, वे मनगढ़ंत कहानियों के जरिये वैश्विक राय को प्रभावित करने के पाकिस्तान के कुत्सित प्रयासों की कलई खोलेंगे। तीसरा, प्रतिनिधिमंडल भारत के खुलेपन और पारदर्शिता का प्रदर्शन करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे। चौथा, पाकिस्तान से संचालित होने वाले हजारों सोशल मीडिया अकाउंट, जो भारत विरोधी प्रोपेगैंडा चलाते हैं, की सच्चाई सामने रखी जायेगी।
पाकिस्तान के दुष्प्रचार को मिलेगा जवाब
पाकिस्तान का गलत सूचनाएं फैलाने का इतिहास रहा है। उसके दुष्प्रचार का सामना करने के लिए भारत कई मोर्चों पर काम कर रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने तथ्य रखकर पाकिस्तान के झूठ का पदार्फाश किया जा रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में करारा झटका लगने के बाद पाकिस्तान ने दुष्प्रचार किया, लेकिन मीडिया और अन्य माध्यमों से उसका अच्छे से प्रतिकार किया गया है। तथ्य बताते हैं कि किस तरह पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) द्वारा सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट के जरिये भारत विरोधी गलत आख्यान गढ़े जाते हैं।
एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल कराने का प्रयास
इस कूटनीतिक अभियान के बाद भारत सरकार ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ में पाकिस्तान को फिर से भेजने के लिए काफी ठोस कोशिशें शुरू कर दी हैं। भारत काफी मजबूती से एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ मामले को उठाने वाला है और इसके लिए ठोस तैयारियां की जा रही हैं। अगले महीने एफएटीएफ की समीक्षा बैठक होने वाली है और भारत ने काफी मजबूती के साथ पाकिस्तान की तरफ से फैलाये जा रहे आतंकवाद के मुद्दे को उठाने का फैसला किया है। इसमें भारत की कोशिश पाकिस्तान को एक बार फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में डलवाने की होगी। भारत का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहा है और वैश्विक संस्थाओं से उसे जो धन मिलता है, उसका इस्तेमाल वह आतंकवादियों को हथियार और धन मुहैया करवाने में करता है।
क्या है एफएटीएफ
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लांड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और हथियारों के प्रसार से जुड़ी फंडिंग पर निगरानी रखती है। जो देश इन गतिविधियों के खिलाफ जरूरी कदम उठाने में नाकाम रहते हैं, उन्हें एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया जाता है। इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय कर्ज लेने की क्षमता पर पड़ता है। ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल देश के सामने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कई सख्त शर्तें रखी जाती हैं और अगर उन शर्तों को पूरा करने में वह देश नाकाम रहता है, तो फिर उसके ब्लैक लिस्ट होने का भी खतरा रहता है।
गहरी है पाकिस्तान की साजिश
एक रिपोर्ट के अनुसार भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने के लिए आइएसपीआर करीब 20,000 फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करता है। ये अकाउंट अक्सर भारत और उसके सहयोगियों में मतभेद पैदा करने के लिए विभिन्न जातीय और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान से 60 हजार से ज्यादा एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट हुए, जिनमें पैगंबर पर विवादित टिप्पणी कर भारत के खिलाफ जनमत बनाने और बहिष्कार कराने की साजिश रची गयी। इसके अतिरिक्त, आइएसपीआर एक्स, फेसबुक और यूट्यूब समेत कई प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो और तस्वीरों में छेड़छाड़ कर प्रसारित करता है, जिनमें भारत की आक्रामकता दिखाकर पाकिस्तान को पीड़ित बताया जाता है। हेरफेर कर तैयार की गयी इन पोस्टों को पाकिस्तान समर्थक प्रभावशाली लोगों द्वारा आगे बढ़ाया जाता है, ताकि भारत की कार्रवाइयों के खिलाफ गलत धारणा बनायी जा सके।
पाकिस्तान के भ्रामक दावे
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने अपनी साख बचाने और भारत की छवि खराब करने के लिए कई भ्रामक दावे किये। इनमें भारत के हमलों का प्रभावी ढंग से जवाब देना और स्टेट मीडिया चैनल पर गलत वीडियो प्रसारित कर भारतीय एयरक्राफ्ट गिराने जैसे झूठे दावे करना शामिल है, जबकि भारत ने पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी अड्डों और उसके आठ एयरबेस को तबाह कर दिया था। पाकिस्तानी सेना और सरकार ने खुद को पीड़ित बताने के लिए राज्य नियंत्रित मीडिया का दुरुपयोग किया। आइएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत के अकारण आक्रमण की वजह से उसके नागरिक मारे गये और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा। इस तरह के झूठे आख्यान अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति हासिल करने के लिए गढ़े जाते हैं, ताकि दुनिया का ध्यान इससे हट जाये कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को मदद करता है।
जाहिर है, भारत के इस प्रहार के पाकिस्तान बुरी तरह परेशान हो गया है। इसलिए वह इस्लामी देशों के संगठन ओआइसी के पास गुहार लगा रहा है। लेकिन पाकिस्तान के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि उसे कहीं से मदद मिलनेवाली है। वैसे भी भारत का वैश्विक दबदबा इतना अधिक है कि कोई भी देश उसकी नाराजगी मोल लेने का खतरा नहीं उठा सकता।