इस्लामाबाद। पाकिस्तान को अवैध व्यापार से हर साल लगभग 3.4 ट्रिलियन रुपये का राजस्व घाटा हो रहा है। इस तिजारत में खुद को पाक-साफ बताने वाले सीमा शुल्क विभाग के आला अफसर शामिल हैं। पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मार्केट इकोनॉमी (प्राइम) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा करते हुए हुकूमत को आगाह किया गया है। यह रिपोर्ट आज जारी की गई है। इसका शीर्षक-‘पाकिस्तान में अवैध व्यापार का मुकाबला’ है। इसमें कहा गया है कि अनुमानित घाटा इस वित्तीय वर्ष के वार्षिक कर लक्ष्य के 26 फीसद के बराबर है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, प्राइम ने अनुमान लगाया है कि अवैध व्यापार के कारण सालाना 3.4 ट्रिलियन रुपये का राजस्व घाटा हो रहा है। इसमें अफगान ट्रांजिट ट्रेड सुविधा के दुरुपयोग के कारण लगभग 30 प्रतिशत घाटा शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, अवैध व्यापार की गंभीरता अनुमानित 123 बिलियन डॉलर की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के कारण 3.4 ट्रिलियन रुपये के अनुमानित वार्षिक कर राजस्व घाटे से प्रकट होती है। अवैध व्यापार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। इससे अन्य औपचारिक व्यवसाय को चोट पहुंच रही है। यह तिजारत उपभोक्ता सुरक्षा को खतरे में डाल रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तस्करी किए गए पेट्रोलियम और नकली दवाओं से लेकर कर न चुकाए गए सिगरेट और कम कीमत वाले उपभोक्ता सामान तक, अवैध व्यापार ने प्रमुख क्षेत्रों में अपनी जड़ें जमा ली हैं। यह निष्कर्ष ऐसे समय में जारी किए गए हैं जब तस्करी और कर चोरी के लिए कम बिल बनाने में कर अधिकारियों की भूमिका पर संघीय सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है।
पाकिस्तान की खुफिया और जांच एजेंसियों ने हाल ही में तस्करी और कम बिल बनाने में सीमा शुल्क अधिकारियों की भूमिका की ओर इशारा किया है। कर चोरी को सुविधाजनक बनाने के लिए माल घोषणा प्रपत्रों में हेरफेर करने के भी सबूत मिले हैं। प्राइम ने कहा कि तंबाकू की तस्करी से राजस्व का नुकसान 300 अरब रुपये से अधिक होने का अनुमान है। सरकार ने फरवरी 2023 में बजटीय सहायता के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए तंबाकू उत्पादों पर संघीय उत्पाद शुल्क में 150 प्रतिशत तक की वृद्धि की। प्राइम ने कहा कि तब से अवैध सिगरेट की बाजार हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हो गई है। इससे सालाना 300 अरब रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है। अफगानिस्तान ट्रांजिट ट्रेड से अनुमानित राजस्व हानि एक ट्रिलियन रुपये है। पारगमन व्यापार के तहत तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी शर्तें रखने के बाद पाकिस्तान ने पिछले महीने बीमा गारंटी के बदले अफगानिस्तान जाने वाले माल के आयात की अनुमति देकर शर्तों में ढील दी थी।
प्राइम ने कहा कि तेल की तस्करी से 270 अरब रुपये का नुकसान हो रहा है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि तस्करी किए गए ईरानी तेल की मात्रा 2.8 अरब लीटर है। सरकार 16 रुपये प्रति लीटर सीमा शुल्क और 78 रुपये प्रति लीटर पेट्रोलियम विकास शुल्क लगाती है। यही वजह है कि तस्कर अधिक लाभ कमाने के लिए तस्करी किए गए तेल की ओर रुख कर रहे हैं। सीमा नियंत्रण का पुराना ढांचा और सीमा शुल्क प्रक्रिया में सीमित स्वचालन के कारण सरकार के लिए माल की तस्करी को रोकना मुश्किल हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में जोखिम आधारित प्रोफाइलिंग सिस्टम और आधुनिक कंटेनर स्कैनिंग तकनीक का अभाव है। इसका तस्कर और अधिकारी फायदा उठा रहे हैं।
इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन एंड रिसर्च के 2024 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 264 सिगरेट ब्रांड्स में से केवल 19 ही ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम विनियमों का अनुपालन करते हैं, जबकि 56 प्रतिशत बाजार में गैर-अनुपालन और कर-मुक्त उत्पाद शामिल हैं। रिपोर्ट में नकली दवा वस्तुओं के कारण राजस्व हानि का अनुमान 65 बिलियन रुपये लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि लगभग 40 प्रतिशत दवाएं नकली और घटिया हैं।
प्राइम ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक टायर तस्करी के जरिए लाए जाते हैं और इससे 106 बिलियन रुपये का राजस्व घाटा होता है। चाय के बाजार में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा तस्करी के जरिए जाता है, जिससे 10 बिलियन रुपए का घाटा होता है। चाय का न्यूनतम खुदरा मूल्य 1,200 रुपये प्रति किलोग्राम है और इस पर 18 फीसदी बिक्री कर लगाया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के अवैध व्यापार सूचकांक में पाकिस्तान 158 देशों में से 101वें स्थान पर है। यह शासन, प्रवर्तन और आर्थिक नीति निर्माण में प्रणालीगत कमजोरियों के कारण वैश्विक और क्षेत्रीय औसत से नीचे प्रदर्शन करता है।