नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता का दावा करने वाले अपने बयान से अब पलट गए हैं। कतर में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को दूर में मदद की थी।
कतर में अल-उदीद एयर बेस पर अमेरिकी सैन्य कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने पिछले सप्ताह पाकिस्तान और भारत के बीच समस्या को सुलझाने में मदद की, जो अधिक से अधिक शत्रुतापूर्ण होती जा रही थी। यह छठी बार है जब ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच युद्धविराम कराया।
ट्रंप ने कहा कि अचानक आपको एक अलग प्रकार की मिसाइलें दिखाई देने लगेंगी। हमने इसे सुलझा लिया है। मुझे उम्मीद है कि मैं यहां से बाहर नहीं जाऊंगा और दो दिन बाद यह पता चलेगा कि यह सुलझा नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि यह सुलझा हुआ है।
ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों से व्यापार के बारे में बात की। ट्रंप ने कहा कि मैंनें दोनों देशों से कहा कि युद्ध के बजाय व्यापार करें। पाकिस्तान इससे बहुत खुश था और भारत भी इससे बहुत खुश था। मुझे लगता है कि वे इस रास्ते पर हैं। सभी जानते हैं कि वे लगभग एक हजार साल से लड़ रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि मैं कुछ भी सुलझा सकता हूं। चलो उन सभी को एक साथ लाते हैं। भारत पाकिस्तान कब से लड़ रहे हैं? लगभग 1,000 साल से। लेकिन हमने इसे सुलझा लिया। कोई भी भारत पाकिस्तान तनाव से बहुत खुश नहीं था। ऐसा लग रहा था कि यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने वाला था।
ट्रंप ने यह दावा किया था
बीते शनिवार को ट्रंप ने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान एक ‘पूर्ण और त्वरित संघर्षविराम’ पर सहमत हो गए हैं, जो अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात की बातचीत के बाद हुआ। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करके भारत और पाकिस्तान के बीच ‘एतिहासिक और साहस भरा’ समझौता करवाने का श्रेय अमेरिका को दिया और कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर भी मदद करना चाहते हैं।
इसके बाद ट्रंप ने कहा था कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक ‘परमाणु युद्ध’ को रोका और दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों से कहा कि अगर वे शांति बनाए रखते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘बहुत सारा व्यापार’ करेगा। भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद एक समझौते पर पहुंचकर संघर्ष समाप्त करने का फैसला किया।
भारतीय सरकार के सूत्रों के मुताबिक कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने सभी जमीनी, हवाई और समुद्री सैन्य कार्रवाई को तुरंत रोकने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।