कोलकाता। मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसा में पति और बेटे को खो चुकीं दो विधवाओं ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सी.वी. आनंद बोस से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। इन महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और पुलिस की ओर से लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिससे उनका जीवन संकट में पड़ गया है।

मुर्शिदाबाद में दंगाईयों की भीड़ द्वारा घर से खींच कर मौत के घाट उतार दिए गए हर गोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की विधवा पत्नी पारुल दास और पिंकी दास ने राज्यपाल को चार पन्नों का एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उनके कलकत्ता हाईकोर्ट तक सुरक्षित पहुंचने की व्यवस्था की जाए। पत्र में कहा गया, “हम हर गोबिंद दास और चंदन दास की विधवाएं हैं। टूटे दिल और कांपते हाथों से यह पत्र लिख रही हैं। हम एक गुप्त स्थान से आपको यह पत्र भेज रही हैं क्योंकि न सिर्फ सत्तारूढ़ पार्टी बल्कि पुलिस भी हमें लगातार धमका रही है।”

दोनों महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि रविवार सुबह बिधाननगर पूर्व पुलिस स्टेशन की एक टीम ने सॉल्ट लेक बीजी ब्लॉक से उन्हें जबरन अगवा करने की कोशिश की।

हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पुलिस ने कहा कि हरगोबिंद के छोटे बेटे समरथ दास ने शनिवार रात शमशेरगंज थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि दोनों विधवाओं को कोई व्यक्ति कार में बैठाकर घर से ले गया है और वे 24 घंटे से अधिक समय से घर नहीं लौटी हैं। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की और पता लगाया कि दोनों महिलाएं बिधाननगर के एक घर में रह रही हैं।

इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी कर कहा, “कई जगहों पर यह प्रचार किया जा रहा है कि शमशेरगंज थाने की पुलिस ने मृतकों के परिवार को धमकाया, जिसके कारण वे घर छोड़कर चले गए। यह पूरी तरह झूठ है। पुलिस ने सिर्फ शिकायत के आधार पर उन महिलाओं से उनकी सुरक्षा के बारे में पूछताछ की और फिर वहां से लौट आई। पुलिस का कर्तव्य है कि शिकायत मिलने पर जांच करे, और यही किया गया।”

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हरागोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या कर दी गई थी।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version