ढाका। बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह में आज सुबह छह बजे से आहूत कर्मचारी संगठन की 12 घंटे की हड़ताल की वजह से कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया। कंटेनर परिवहन रुक गया है। यह हड़ताल पुलिस ज्यादती के खिलाफ शुरू की गई है। हड़ताल में शामिल प्राइम मूवर चालकों और श्रमिकों पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

द डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार, हड़ताल में शामिल लोगों का आरोप है कि पुलिस ने बेवजह यूनियन अध्यक्ष और दो सहकर्मियों के साथ मारपीट की। जिला प्राइम मूवर, ट्रेलर, कंक्रीट मिक्सर, फ्लैटबेड, ड्रम ट्रक वर्कर्स यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष हुमायूं कबीर ने कहा कि चट्टोग्राम के साल्टगोला क्रॉसिंग स्थित यूनियन कार्यालय के सामने मंगलवार रात विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ज्यादती की । पुलिस ने एक ड्राइवर का पहचान पत्र और लाइसेंस जब्त कर लिया था। इसलिए विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया था।

बंदरगाह के अधिकारियों का कहना है कि काम बंद होने के कारण बंदरगाह और 21 निजी अंतर्देशीय कंटेनर डिपो का कामकाज सुबह से ही बंद है। हुमायूं ने आरोप लगाया कि मंगलवार रात पुलिस यूनियन के अध्यक्ष सलीम खान और दो ड्राइवरों दिलवर हुसैन और मोहम्मद फैसल को पहाड़तली थाना ले गई और उनके साथ मारपीट की। जबकि तीनों कथित तौर पर एक मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे।

कर्मचारी नेता हुमायूं ने दावा किया कि सब इंस्पेक्टर अल अमीन ने मंगलवार रात करीब 10:30 बजे अलंगकर इलाके से एक घायल व्यक्ति को चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने के लिए प्राइम मूवर ड्राइवर एमडी लिटन को मजबूर करने की कोशिश की। ड्राइवर ने इनकार कर दिया तो उसके दस्तावेज जब्त कर लिए और उसे पुलिस स्टेशन ले जाया गया। लिटन ने यूनियन अध्यक्ष सलीम खान को सूचित किया।

हुमायूं ने दावा किया, सलीम वहां पहुंचे तो उनसे अभद्रता की गई। इसके बाद दो अन्य श्रमिकों को पकड़कर लाया गया। वहां उनके साथ मारपीट की गई। हुमायूं ने कहा कि हालांकि श्रमिक गुस्से में थे और कल सुबह शुरू में उन्होंने काम रोकने की कोशिश की, लेकिन यूनियन नेताओं ने चटगांव में मुख्य सलाहकार के निर्धारित दौरे को देखते हुए उन्हें शांत करा दिया।

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