Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, May 25
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»बिजनेस»भारतीयों ने एक साल में 62.7 अरब डॉलर भेज दिए स्वदेश: UN
    बिजनेस

    भारतीयों ने एक साल में 62.7 अरब डॉलर भेज दिए स्वदेश: UN

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीJune 15, 2017No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    दुनिया भर में काम करने वाले भारतीयों ने बीते साल 62.7 अरब डॉलर स्वदेश भेजे जो इसी अवधि में चीन समेत किसी अन्य देश को मिले विदेशी मनी-आर्डर में सबसे उपर रहा।

    संयुक्त राष्ट की इकाई कषि विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोष आईएफएडी ने अपने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के कुल लगभग 20 करोड़ प्रवासियों ने 2016 में अपने अपने घरों को कुल 445 अरब डॉलर धन प्रेषित किया। इससे दुनिया में लाखों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर आने में मदद मिली।

    रपट में कहा गया है कि बीते दशक में रेमिटेंस प्रवाह औसतन 4.2 प्रतिशत वाषर्कि की दर से बढा है और यह 2007 में 296 अरब डालर से बढ़कर 2016 में 445 अरब डॉलर हो गया।

    अपनी तरह के इस अध्ययन में 2007 से 2016 के दस साल में विस्थान व रेमिटेंस प्रवाह का विश्लेषण किया गया है। इसके अनुसार आलोच्य अवधि में विदेशों से प्रवासियों दवारा भेजे गए कुल मनी आर्डर का 80 प्रतिशत धन 23 देशों को मिला। इनमें भारत, चीन, फिलिपीन, मेक्सिको व पाकिस्तान प्रमुख हैं।

    वहीं जिन देशों से सबसे अधिक मनीआर्डर भेजे गए उनमें अमेरिका, सउदी अरब व रूस प्रमुख है। अध्ययन के अनुसार 2016 में भारत विदेश से सबसे अधिक मनीआर्डर पाने वाला देश रहा। उसे 62.7 अरब डॉलर धन मिला। उसके बाद चीन का नंबर रहा जिसे कुल 61 अरब डॉलर की राशि मिली। इसके बाद फिलीपीन को 30 अरब डॉलर व पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर धन मिला। इसके अनुसार 2007-2016 के दशक में भारत ने विदेशी नमी आर्डर पाने के मामले में चीन को पछाड़ दिया।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहिमाचल प्रदेश में बस खाई में गिरी, 10 लोगों की मौत
    Next Article मुख्यमंत्री का दलितों के साथ भोज, एक सियासी नाटकबाजी: मायावती
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी उछले

    May 23, 2025

    ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत, एशियाई बाजारों में तेजी का रुख

    May 23, 2025

    सर्राफा बाजार में मामूली तेजी, सोना और चांदी की बढ़ी कीमत

    May 22, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • केंद्र और राज्य टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं : प्रधानमंत्री
    • राहुल गांधी ने पुंछ में गोलाबारी के पीड़ितों से की मुलाकात, नुकसान को बताया एक बड़ी त्रासदी
    • नीति आयोग की बैठक में हर घर नल योजना और यमुना के मुद्दे पर भी हुई चर्चाः रेखा गुप्ता
    • आतंकवादियों को नहीं पढ़ाई जाएगी जनाजा नमाज, भारत में दफनाया भी नहीं जाएगा : डॉ इलियासी
    • आरक्षण का श्रेणी वार परिणाम नहीं निकाल कर जेपीएससी ने परीक्षा को बना दिया संदिग्ध: प्रतुल शाहदेव
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version