मुंबई : 50 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी एयरइंडिया को सरकार के बेचने के फैसले का अब विरोध शुरू हो गया है। टीएमसी के बाद अब शिवसेना ने भी इस कदम को गलत ठहराते हुए कहा कि आज एयरइंडिया को बेचा जा रहा है कल कश्मीर के साथ भी सौदा किया जा सकता है।

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने हाल में एयरइंडिया को बेचने का फैसला लिया है। जिसको लेकर कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गयी है। वहीँ केंद्र सरकार के सरकारी कम्पनी एयरइंडिया के बेचने को लकर लिए गये फैसला का अब चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। बीजेपी की महाराष्ट्र में सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सरकार को घेरते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है कि आज एयर इंडिया के कर्ज का बोझ नहीं झेला जा रहा है इसलिए उसे बेचा जा रहा है, कल अगर कश्मीर की सुरक्षा में हो रहा खर्च सहन नहीं हुआ तो क्या कश्मीर की भी नीलामी होगी?

सामना के जरिये शिवसेना ने के बार फिर से बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। वही शिवसेना से पहले ममात बनर्जी ने सरकार के इस फैलसा का विरोध किया था। वहीँ शिवसेना ने पाने मुखपत्र सामना में आगे लिखा है कि यह फैसला अगर कांग्रेस की सरकार में लिया गया होता अतो अबतक बीजेपी अपने सारे कपडे फाड़ कर सड़क पर प्रदर्शन कर रही होती लेकिन अब यह फैसला सरकार और बीजेपी को भला लग रहा है। शिवसेना के आगे लिखा अहै कि सरकार एयरइंडिया के बोझ को बर्दार्ष्ट नहीं कर पा रही है, जिएकाए चलते उसे रास्ते से ही हटाया जा रहा है। सामना में आगे सवाल किया गया है कि सरकार एयर इंडिया नहीं चला सकती तो देश क्या चलाएगी?

 

बतादें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस विमानन कंपनी में विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। जिसके बाद एयरइंडिया का निजीकरण करने का रास्ता साफ़ हो गया है। एयरइंडिया पर करीब 50 हजार करोड़ का कर्ज है, जिसके चलते एयरइंडिया अपनी दुर्दशा पर रोना रो रहा है।

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