“पहली जुलाई से देश में जीएसटी लागू हो जाएगा इससे न केवल देश का ढांचा बदल जाएगा बल्कि कारोबार करने के तरीकों में भी बड़े बदलाव आएंगे। बेहतर होगा कारोबारी अपनी आदत बदल लें वरना जेल के लिए तैयार रहें। यानी जीएसटी में धांधली की गुंजाइश कम होने और सब कुछ ऑन लाइन होने से आपको अपनी आदतों की कीमत चुकानी पड़ सकती है।”

सबसे पहले सही समय पर टैक्स न भरने या अधूरा रिटर्न भरने की आदत बदलें अन्यथा आपको दस हजार रुपये की पेनल्टी देनी पड़ सकती है। अगर आप अधूरा रिटर्न भरते हैं तब भी आपको यह पेनल्टी भरनी पड़ेगी। जीएसटी में टैक्स चोरी करने पर पांच साल की जेल तक का भी प्रावधान है। अगर आप ढाई करोड़ या उससे ज्यादा की टैक्स चोरी कर रहे हैं तो आपको पांच साल की जेल और जुर्मानतक भरना पड़ सकता है। हालाकि जेल की सजा मुकदमा चलाए जाने के बाद ही हो सकती है।

जीएसटी कानून के मुताबिक, आपको हर महीने रिटर्न भरना है और तय तारीख पर भरना है। आपने उपभोक्ता से जो जीएसटी कलेक्ट किया है उसे भी समय पर सरकार को देना होगा। इस मामले में लेटलतीफी नहीं चलेगी। नए कानून के तहत यह एक अपराध है। आपको टैक्स अधिकारी नोटिस भेज सकते हैं। कानूनी कार्रवाई भी मुमकिन है। जीएसटी के तहत हर खरीद और बिक्री का रिकार्ड रखना बेहद जरूरी है। हिसाब किताब नहीं होने से आपका रिटर्न अधूरा रहेगा। सब कुछ आन लाइन रिकार्ड में होने के चलते किसी न किसी प्वाइंट पर आप पकड़ में आ जाएंगे। इसके चलते आप पर टैक्स चोरी का आरोप लग सकता है। टैक्स चोरी में सजा का प्रावधान है। जीएसटी के तहत बिजनेस करने वाले हर कारोबारी को खरीद बिक्री का हर एक एनवाइस संभालकर रखना जरूरी है क्योंकि जीएसटी में इनपुट क्रेडिट या टैक्स में छूट बिना एनवाइस के नहीं मिलेगी।

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