इचाक: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय इचाक की छात्राओं ने कुव्यवस्था और वार्डेन लीलावती एवं शिक्षिका संघमित्रा की मनमानी से तंग आकर सोमवार को नास्ता किए बगैर सुबह 9 बजे सड़क पर धरना पर बैठ गयी। इससे पूर्व छात्राओं ने 24 जून को मुख्यमंत्री एवं डीसी हजारीबाग को लिखित आवेदन देकर शिकायत कर चुकी है। विद्यालय की छात्राएं वार्डन लीलावती,शिक्षिका संघमित्रा को हटाने, गुणवत्ता शिक्षा और भोजन देने की मांग कर रही थी,साथ ही उपायुक्त को स्वयं आकर मामले की जांच करने की मांग पर अडिग थी।
मामले की सूचना पाकर सीओ कुंवर सिंह पाहन, बीडीओ रामगोपाल पांडेय, थाना प्रभारी सुरेश राम, प्रमुख सरिता देवी, जदयू नेता बटेश्वर मेहता, सतीश सिन्हा, सांसद प्रतिनिधि अशोक कपरदार बीजेपी नेता आरके मेहता, सरिता सिन्हा, जेएमएम नेता मनोहर राम, कांग्रेस के अब्दुल रहमान, जकपा के सनी कुमार, लक्ष्य नवयुवक संघ के अभिषेक कुमार,आदर्श युवा संगठन के गौतम कुमार, कुलदीप कुमार पहुंचे। काफी समझाने बुझाने एवं व्यवस्था में सुधार और शिक्षक की कमी को दूर करने का आश्वाशन दिया। छात्राओं ने विद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी।
एक ही स्नानघर में नहाती हैं सारी लड़कियां
छात्राओं का कहना था की चार दिन से रात में रोशनी की व्यवस्था नहीं है हम लोग कैंडल जला कर पढ़ रहे है। शौचालय साफ नहीं रहने से हमलोग शौच के लीये बाहर जाते है। चापाकल का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। वार्डेन लीलावती और शिक्षिका संघमित्रा विद्यालय से सामान चुरा कैमरा से बचते हुए पीछे की दरवाजे से नकाब पहनकर निकल जाती है उपर से इल्जाम हम लोग पे लगाती है। खाना में सब्जी बिना तेल मशाला के बनाया जाता है। कभी भी मेनू की हिसाब से खाना नहीं मिलता।
एक ही स्नानघर में सारी लड़किया नहाती है। डाडीघाघर की सपना कुमारी तीन दिनों से बीमार है मगर अभी तक दवाई भी नसीब नहीं हुई। जनवरी 2016 के बाद ना तो ड्रेस मिला न ही जूता। एक ही बेड पर खाना उसी बेड पर पढ़ना और उसी बेड पर सोना हमारी मजबूरी बन गयी है। कभी भी ब्लाक से लेकर जिला तक के कोई अधिकारी जांच करने तक नहीं आते है। शिक्षक की व्यवस्था,आरओ लगाने एवम वार्डेन व शिक्षिका को हटाने के लिए वरीय पदाधिकारी के आस्वासन के बाद छात्राएं मानी । इसके बाद वापस विद्यालय लौटी। समझौता के बाद डीएसइ इंदुभूषण सिंह पहुचे उन्होंने भी स्थिति की जानकारी लिया।
क्या है मामला
सुनीता कुमारी, काजल, रानी,आंचल, रेखा, सालू, पायल, अनुष्का, डिम्पल, रीना, कविता, रुक्मिणी समेत सभी छात्राओं का कहना है कि वार्डेन लीलावती अड़ियल रवैया अपनाती है,घटिया भोजन दिया जाता है वो भी समय पर नही मिलता,दूषित पानी पिलाया जाता है,शौचालय गंदा है बाध्य होकर शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है,रात को अंधेरा में रखा जाता है,जनरेटर नही चलाया जाता है,पठन पाठन सामग्री समय पर नहीं दी जाती है वही शिक्षिका संघमित्रा पढाती नही है।सप्ताह में दो से तीन दिन ही विद्यालय में रहती है। छात्राओ ने शिक्षिका की कमी दूर करने की मांग की। शिक्षक के कमी के कारण पढाई नही हो पा रही है। वार्डेन को कहने पर डांटती है कहती है कि जहां जाना है जाओ। जो मिलता है खाओ। पानी की कमी है सप्ताह में नहाओ। फरवरी में घटी बड़कागांव वाली घटना के बारे में बता कर हम लोग को डराती है।