लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में सीएम अखिलेश यादव द्वारा नामित किये गए शिया वक्फ बोर्ड के छह सदस्यों की सीएम योगी आदित्यनाथ ने छुट्टी कर दी है. मालूम हो की इससे पहले सीएम योगी ने शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में हुए घोटालों के सामने आने पर उनकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. शिया वक्फ बोर्ड में 10 सदस्य हैं. इनमें से छह सदस्य अखिलेश यादव सरकार ने नामित किए थे. इन सदस्यों को प्रदेश की भाजपा सरकार ने हटा दिया है.

हटाए गए सदस्यों में कौशांबी निवासी पूर्व राज्यसभा सदस्य अख्तर हसन रिजवी, मुरादाबाद के सैयद वली हैदर, मुजफ्फरनगर की अफशां जैदी, बरेली के सैयद आजिम हुसैन जैदी, शासन में विशेष सचिव नजमुल हसन रिजवी तथा आलिमा जैदी शामिल हैं. इन सदस्यों को मई 2015 में नामित किया गया था. इसके पहले राज्य सरकार ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्डों में भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी.

विभाग ने दोनों बोर्ड के अध्यक्षों पर वक्फ संपत्तियों में करोड़ों रुपये के घोटाले और अनियमितता का आरोप लगाया था. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में शिया एवं सुन्नी वक्फ बोर्ड में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले हुए. लिहाजा सरकार ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के घोटालों की सीबीआई जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है.

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