मुन्ना
रामगढ़। जिला में कोयले का अवैध कारोबार एक बार फिर चर्चा में आ गया है। जिला की बंद पड़ी फैक्ट्रियों और ईंट भट्ठों से कोयले का कारोबार चल रहा था। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से जिला में कोयले के अवैध कारोबार का तरीका बदल गया है। अब कोयले का अवैध कारोबार कोयला से संबंधित बड़ी फैक्ट्रियों से चल रहा है। जानकारी के अनुसार जिला के गोला और बरकाकाना रेलवे स्टेशन में आम्रपाली प्रोजेक्ट से कोयला प्रतिदिन भेजा जा रहा है। सीसीएल का कोयला हाइवा डंपर से रोजाना रेलवे साइडिंग के लिए भेजा जा रहा है। खेल हाइवा डंपर से हो रहा है।
रेलवे साइडिंग के लिए चला हाइवा रास्ते में रुक कर कोयला किसी फैक्टरी में गिरा देता है। वहीं रेलवे साइडिंग में गेटिंग-सेटिंग कर पेपर रिसीव करा लिया जा रहा है। जानकारों की मानें तो प्रत्येक दिन सीसीएल का कुजू और गोला में स्थित फैक्ट्रियों में 20 से 30 हाइवा डंपर कोयला गिराये जा रहे हैं। कोयला गिराने के पूर्व माफिया गिरोह के लोग रेलवे साइडिंग में जाकर पेपर रिसीव करा लेते हैं। पेपर रिसीव करा लेने का मतलब कोयला रेलवे साइडिंग में गिरा दिया गया है। लेकिन कोयला रेलवे साइडिंग में न गिराकर फैक्ट्रियों में गिरा दिया जा रहा है।
चर्चा है कि सीसीएल का कोयला संबंधित फैक्ट्रियों में गिराने के एवज में “17000 रुपये पुलिस अधिकारियों एवं रेलवे साइडिंग के अधिकारियों को दिये जा रहे हैं।
बताया जाता है कि पेपर रिसीविंग का खेल जिला में पहले भी चला करता था, लेकिन इस समय कोयला के अधिक उत्पादन के कारण आम्रपाली एवं अन्य कोलियरियों का कोयला बरकाकाना और गोला रेलवे साइडिंग के लिए भेजा जा रहा है। यहां से रेलवे रैक के द्वारा कोयला बाहर भेजा जाता है। रेलवे साइडिंग में गिराये जाने वाले कोयले के कागज में हेरफेर कर फैक्ट्रियों में गिराने का खेल रात के अंधेरे में चल रहा है। पुलिस की शह पर इस खेल में कुजू के कुछ पुराने शातिर खिलाड़ी शामिल हैं। इनके इशारे पर यह सब खेल चल रहा है।
इनमें से कुछ क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से भी जुड़े हुए हैं। जिसके कारण यह कारोबार आराम से चल रहा है। सरकार को लाखों का रोजाना नुकसान हो रहा है। माफिया किस्म के लोग रोजाना मालामाल हो रहे हैं। हालांकि जिला की पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी कोयला के अवैध कारोबार के खिलाफ लगातार अभियान चला रही हंै। जानकारों की मानें तो पेपर रिसीव का खेल रोकने के लिए पुलिस को रात भर सजग रहना होगा।