रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को जनहित में बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब पूरे राज्य की एक समेकित जल योजना होगी। अलग-अलग विभागों की जल संचयन एवं जल सिंचन की योजनाओं के बदले एकीकृत जल योजना पर अंतरविभागीय समिति के गठन को मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी है। जल योजना के अंतर्गत जल संरक्षण, जल स्रोतों का नवीकरण, वर्षा जल का सदुपयोग इत्यादि से संबंधित कार्ययोजना को सामूहिक रूप से लागू करने के लिए सभी कार्य सुनिश्चित होंगे।
एक क्षेत्र में दोहरी योजना के क्रियान्वयन पर लगेगी रोक
जल संचयन एवं जल सिंचन के लिए जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, वन पर्यावरण तथा कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के द्वारा अलग-अलग योजनाएं चलायी जाती हैं। इनके लिए अलग-अलग बजट भी होते हैं। ऐसे में एकीकृत योजना क्रियान्वयन का यह लाभ होगा कि किसी क्षेत्र में दोहरी योजना के क्रियान्वयन से बचा जा सकेगा। साथ ही जल सिंचन से रहित क्षेत्र में जल संचयन एवं जल सिंचन का कार्य हो सकेगा।
जनसंपर्क विभाग चलायेगा जागरूकता अभियान
योजना के सफल संचालन के लिए राज्य में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
यह राज्य की जल योजना कहलायेगी
जल संचयन एवं जल सिंचन से संबंधित विभागों के बजट को ध्यान में रखते हुए यह समेकित योजना राज्य की जल योजना कहलायेगी। इस जल योजना का संचालन अभियान के रूप में पूरे राज्य में समयबद्ध तरीके से होगा। इस योजना का प्रचार-प्रसार तथा जागरूकता अभियान व्यापक रूप से चलाया जायेगा। हर 15 दिन में इसकी मॉनिटरिंग होगी।
विकास आयुक्त इसके अध्यक्ष होंगे
इस अंतरविभागीय समिति के अध्यक्ष विकास आयुक्त होंगे। जल संसाधन विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। वन पर्यावरण, ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एवं कृषि पशुपालन विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य होंगे।
पीएम ने किया है जल संचयन का आह्वान
15 जून 2019 को नयी दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रमुख एजेंडा था। नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से जल संचयन तथा जल सिंचन पर व्यापक रूप से अभियान चलाकर विभिन्न विभागों के कार्यों को एक साथ योजनाबद्ध तरीके से करने का आह्वान किया था।
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