Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, May 14
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»चामा जमीन घोटाले का रिमोट कंट्रोल दुबई में!
    Top Story

    चामा जमीन घोटाले का रिमोट कंट्रोल दुबई में!

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskJune 23, 2019No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    राजीव
    रांची। कांके अंचल की चामा जमीन के घोटाले को लेकर हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं। नयी जानकारी के अनुसार 100 एकड़ से ज्यादा जमीन घोटाले का रिमोट कंट्रोल दुबई में होने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। कहा तो यहां तक जाने लगा है कि इस जमीन में यूपी के बड़े गैंगस्टर का भी हाथ है। अफसरों को अपने साथ मिला कर यह रैकेट सरकारी जमीन को ही वैध बता कर बेच दिया। एक ओर जहां झारखंड सरकार आदिवासी और गैर मजरुआ जमीन को संरक्षित करने में लगी है। वहीं दूसरी ओर जमीन दलाल चंद अफसरों को मिला कर जमीन लूट का धंधा जमाये हुए हैं। जमीन दलाल और कुछ ऊंचे ओहदे पर बैठे अफसरों की सांठगांठ से गैर मजरुआ से लेकर आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री बेधड़क की जा रही है। इसी कड़ी का ताजा उदाहरण कांके का चामा है। यहां पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी को भी जमीन दलालों ने गलत कागजात के आधार पर गैरमजरूआ प्रकृति की 50.9 डिसमिल जमीन बेच दी। यही नहीं, यहां दर्जनभर पुलिस के बड़े अधिकारियों को भी जमीन बेच कर इसका नाम ही पुलिस हाउसिंग कॉलोनी कर दिया गया, जबकि सूत्रों का कहना है कि फाइल में इसका नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल गृह निर्माण स्वावलंबी समिति है। इसके कर्ता-धर्ता पुलिस के एक ही एक आइपीएस अधिकारी हैं। पुलिस अफसरों को जमीन बेचने से माफियाओं के लिए फायदे की पोटली खुल गयी। झारखंड में अमूमन होता यह है कि जैसे ही जमीन की खरीद-बिक्री होती है, हंगामा करनेवालों का एक समूह उसके इर्द-गिर्द मंडराने लगता है। घेराव, धरना, जुलूस होने लगता है। कुछ नेताओं की भी दुकान खुल जाती है, लेकिन जैसे ही इस जमीन पर पुलिस हाउसिंग कॉलोनी का बोर्ड लगा, यहां पुलिस के कुछ बड़े अफसरों को जमीन दी गयी, ऐसे लोगों ने अपना कदम पीछे खींच लिया। दूसरी ओर म्यूटेशन, रजिस्ट्री, रसीद कटाने में भी दलालों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ी। इतना ही नहीं, इन लोगों ने पुलिस ट्रैफिक पोस्ट, टीओपी तक सुरक्षा की दृष्टि से बनवा लिया।
    पूनम पांडेय ने चामा मौजा स्थित खाता नंबर 87, प्लाट नंबर 1232 की जमीन की खरीदारी की है। यह गैरमजरूआ मालिक प्रकृति की है। झारखंड सरकार ने इस खाता और प्लॉट की जमीन को प्रतिबंधित सूची में डाला है। इस जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती है। इसके बावजूद बड़ी आसानी से इसकी प्रकृति चेंज कर जमीन बेच दी गयी। अभी भी जमीन बेचने का सिलसिला थमा नहीं है। यहां लगभग सौ एकड़ से ज्यादा का सौदा हो चुका है। मजेदार बात यह है कि जमीन मालिकों से जमीन औने-पौने दाम पर ली जा रही है और पुलिस का खौफ दिखा कर उन्हें चुप करा दिया जा रहा है।
    जमीन घोटाले में कांके सीओ की बड़ी भूमिका
    इस जमीन घोटाले में कांके अंचल के सीओ की बड़ी भूमिका का आरोप लग रहा है। कारण कांके अंचल में म्यूटेशन हुआ। सीओ ने म्यूटेशन के लिए आवेदन की स्क्रूटनी के बाद बिना कोई नोटिस जारी किये जमीन का म्यूटेशन किया। प्रतिबंधित जमीन की खरीद-बिक्री में सिर्फ तत्कालीन डीजीपी का परिवार ही शामिल नहीं हैं। खाता नंबर 87 के प्लॉट नंबर 1232 में पुलिस हाउसिंग कॉलोनी बन रही है, इसमें 15 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीदी है। इस मामले की जांच के बाद सभी के नाम का खुलासा होने की संभावना है।
    आनलाइन का उठाया गया फायदा
    भू राजस्व विभाग ने तीन वर्ष पहले ही प्रतिबंधित जमीन की सूची तैयार कर ली थी। उक्त सूची को सभी निबंधन कार्यालय में भेजते हुए संबंधित खाता-प्लॉट की जमीन की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था। सूची दो माह पहले आॅनलाइन हुई। इसका फायदा उठाते हुए रांची के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार राहुल चौबे ने गैर मजरुआ जमीन की रजिस्ट्री की और कांके सीओ प्रभात कुमार ने म्यूटेशन किया।
    क्या है गैरमजरुआ जमीन
    गैरमजरूआ जमीन दो तरह की होती है। गैरमजरूआ आम और खास। गैरमजरूआ आम पूर्ण रूप से सरकारी रास्ता, पहाड़ या सैरात होती है। इसकी खरीद-बिक्री नहीं हो सकती। जबकि गैरमजरूआ खास के तहत गैरमजरूआ मालिक प्रकृति की जमीन भी आती है। इसकी खरीद-बिक्री हो सकती है, लेकिन सिर्फ उसी जमीन की, जो सरकार की प्रतिबंधित सूची में दर्ज नहीं है और संबधित जमीन की जमाबंदी कायम है।
    कहां-कहां की गयी गड़बड़ी
    कांके थाना के चामा मौजा में जिस जमीन की बात हो रही है, उसका नेचर गैरमजरूआ है। इस मामले में रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे द्वारा बनायी गयी कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। हालांकि अभी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी नहीं गयी है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि जमीन की जांच में गड़बड़झाला मिला है। जांच रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई संभव है।
    गैरमजरुआ जमीन के म्यूटेशन की प्रक्रिया और पंजी टू में छेड़छाड़ की आशंका
    पूर्व डीजीपी की पत्नी को जमीन बेचनेवाले आमोद कुमार के नाम से खाता संख्या 87 में काफी जमीन दिखायी दे रही है, लेकिन पंजी टू में आमोद कुमार के नाम से उक्त खाता की जमीन के हस्तांतरण का कोई आधार नहीं है।
    आमोद कुमार के मामले में पंजी टू के कॉलम परिवर्तन के लिए प्राधिकार में संदेहास्पद बातें दर्ज हैं।
    कॉलम में 1950 के पूर्व गैरमजरूआ जमीन की बंदोबस्ती किये जाने वाला वर्ष लिखा होता है, जबकि खाता संख्या 87 के मामले में यह नहीं लिखा गया है।
    अपराधियों का गैंग यहां देता है पहरा
    चामा की जिस जमीन पर पुलिस हाउसिंग कॉलोनी बनायी जा रही है, वहां अपराधियों का एक बड़ा गैंग पहरा देता है। यह गैंग इतना ढीठ है कि अगर किसी ने गलती से फोटो लेने की कोशिश की, तो उसे घेर लिया जाता है। उस पर फोटो डीलिट करने का दबाव बनाया जाता है। यही नहीं, उसे यहां तक डराया जाता है कि अगर फिर कभी आओगे, तो मार कर फेंक देंगे। इस गैंग के पास एक से एक महंगी गाड़ियां हैं और हर शाम वह गैंग विभिन्न रेस्तराओं में ऐश करता है।
    गागी में भी जाल फैलाया है इस गैंग ने
    चामा के जमीन माफिया की नजर गागी में भी लगी हुई है। चामा से गागी दो-तीन किलोमीटर दूर है। दलालों ने यहां भी काफी जमीन कब्जायी है। उसका भी सौदा किया जा रहा है। इन दलालों ने समाज के कुछ प्रमुख लोगों को भी मिला लिया है। उसमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं। इसके पहले गागी में दलालों ने बोर्ड लगा दिया था, लेकिन चामा में हंगामा होने के बाद वहां से बोर्ड हटा लिया गया है। लेकिन जमीन का धंधा चालू है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसितंबर तक हर घर धुएं से मुक्त: रघुवर
    Next Article भारत ने अफगानिस्तान को हराया, शमी की हैटट्रिक
    azad sipahi desk

      Related Posts

      सीएम हेमंत सोरेन ने सीबीएसइ के विद्यार्थियों को दी बधाई

      May 13, 2025

      साइबर अपराधियों ने सीसीएल की वेबसाइट की हैक, प्रबंधन में हड़कंप

      May 13, 2025

      ट्रेड यूनियनों हडताल 20 मई से, खनन सहित कई सेवाएं होंगी प्रभावित

      May 13, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • कांग्रेसी अपना दोहरा राजनीतिक चरित्र दिखाना बंद करे: प्रतुल
      • सीएम हेमंत सोरेन ने सीबीएसइ के विद्यार्थियों को दी बधाई
      • साइबर अपराधियों ने सीसीएल की वेबसाइट की हैक, प्रबंधन में हड़कंप
      • हाईकोर्ट में बगैर अधिकार केसों का स्टेटस बदलने का मामला, जांच में साफ्टवेयर कम्पनी जिम्मेदार
      • सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में जनपद की टॉपर बनीं तेजस्वी सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version