असम व पड़ोसी राज्यों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से राज्य के नौ जिलों के जिले बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। यह राज्य में बाढ़ की दूसरी लहर है। पहली बाढ़ में 20 से अधिक जिले प्रभावित हुए थे।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से गुरुवार देर शाम को जारी आंकड़ों के अनुसार असम के धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, गोलाघाट, जोरहाट, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया के साथ ही अन्य कई जिले बाढ़ से प्रभावति हुए हैं। 23 राजस्व सर्किल के 492 गांवों के एक लाख 89 हजार 314 लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबतिरा अभयारण्य आदि में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिसकी वजह से जंगली जीव ऊंचाई वाले इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं।
बाढ़ से नौ जिलों के 19,430 हेक्टयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 49 राहत शिविर बनाए गए हैं। वहीं लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित करने के लिए 9487 शिविर खोले गए हैं। बाढ़ से गुरुवार को धेमाजी जिले में एक व्यक्ति की डूबने से मरने की जानकारी मिली है। वहीं 47,213 बड़े जानवर, 13178 छोटे जानवर तथा 4817 पोल्ट्री बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ से शिवसागर जिले में एक मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि सात मकानों को भी काफी नुकसान हुआ है।
बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में आठ नावे तैनात की गई हैं। बाढ़ में फंसे 101 लोगों को बाहर निकलाकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावितों के बीच सरकार की ओर से 59,67 क्वींटल चावल, 10.50 क्वींटल दाल, 1.15 क्वींटल नमक और 30.24 लीटर सरसों का तेल वितरित किया गया है। बाढ़ के चलते कई सड़कें, बांस व आरसीसी के कई पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं लखीमपुर और चिरांग जिलों में नदियों के किनारे तट कटाव भी हुआ है।