बेगूसराय। देश के विभिन्न शहरों से प्रवासी कामगारों के घर वापसी के बाद पूर्वोत्तर के राज्य तथा कोलकाता से वापसी का सिलसिला तेज हो गया है। लेकिन वापसी के तेज होते सिलसिले के बीच कामगारों के घर वापसी के भाव भी बदल रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, पंजाब, राजस्थान से घर आए परदेसी को जहां वहां के उद्योगपति मिल मालिक दोगुना मजदूरी देने का प्रलोभन दे रहे हैं। सड़क पर दौड़ती राजस्थान और हरियाणा नंबर की लग्जरी बसें बता रही है कि श्रमिक वापस लौटने लगे हैं। असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों से वापस आए अधिकतर श्रमिक अब वहां लौटकर नहीं जाने की बात कर रहे हैं। इन श्रमिकों का कहना है कि तीन महीने के लॉकडाउन में आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुके हैं, वहां रहने वाले काफी परेशान हैं। रोज फोन पर घर बात होती थी, वापस आने के लिए लगातार कहा जा रहा था लेकिन कोई जुगाड़ नहीं था। ट्रेन चली तो वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है।
समग्र विकास की सोच रखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हम गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया है तो हम सब क्यों जाएं लौटकर दूर के शहर में काम करने। हम लोग अब गांव में ही रहेंगे, यही काम करेंगे तथा अपने परिवार, समाज और देश को आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे। यहीं दिहाड़ी मजदूरी करेंगे, स्वरोजगार करेंगे, खेती करेंगे, सब्जी बेचेंगे, रिक्शा चलाएंगे लेकिन लौटकर नहीं जाएंगे। गुवाहाटी में रहकर भवन निर्माण के कार्य में लगे विनोद कुमार, रामप्रवेश, गोविंद राय समेत दस से अधिक कामगारों की टोली से मुलाकात हुई बेगूसराय बस स्टैंड में। इन लोगों ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि हम सब चार-पांच वर्ष गुवाहाटी में रहकर वहां के आसपास के जिलों में विभिन्न तरह के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। कोई राजमिस्त्री के साथ काम करता था, तो कोई टाइल्स लगाने और बिजली वायरिंग का काम करते थे। अच्छी कमाई हो रही थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ा।
पैसा रहते हुए भी रोटी के लाले पड़ गए। इसके बावजूद रह रहे थे, अनलॉक होने के बाद काम शुरू तो हुआ लेकिन वहां मन को शांति नहीं मिल रही थी। इस बीच प्रधानमंत्री द्वारा हम गरीबों के लिए विशेष अभियान शुरू करने की जानकारी मिली। बताया जा रहा है कि इससे आत्मनिर्भर होंगे। हम लोग भी एंड्रायड मोबाइल का उपयोग करते हैं, काम से फुर्सत मिलने के बाद रात को देश-दुनिया में हो रही हलचल से रूबरू होते हैं। उसके माध्यम से सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिली है, हम लोगों ने उसे देखा और समझा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के शुरुआत से हम प्रवासियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। लग रहा है कि देश के समग्र विकास में लगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार इस योजना से नाम के अनुरूप हम गरीबों का कल्याण करेगी। अभियान के तहत भले ही श्रमिकों को मात्र 125 दिन का रोजगार मिलेगा लेकिन इससे होने वाले अन्य फायदों को लेकर हम सब उत्साहित हैं।