आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। केंद्र सरकार ने कोयला क्षेत्र में कामर्शियल माइनिंग के लिए कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में चार राज्यों के कुल 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है। इनमें झारखंड और ओड़िशा के नौ-नौ कोल ब्लॉक शामिल हैं। जानकारी के अनुसार झारखंड के कुल 22 कोल ब्लॉकों को नीलामी पर चढ़ाया जायेगा। इस नीलामी से झारखंड में स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियों को निजी कंपनियों से कड़ी चुनौती मिलेगी।
28 कंपनियों के विनिवेश का फैसला
इन कंपनियों में विनिवेश होगा
28 कंपनियों के नाम, जिनके विनिवेश की मंजूरी मिली है… स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ कंपनी इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड, भारत पंप एंड कंप्रेसर लिमिटेड, सीमेंट कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, फेरो स्क्रैप निगम, पवन हंस लिमिटेड, एयर इंडिया और उसकी पांच सहायक कंपनियां और एक संयुक्त उद्यम, एचएलएल लाइफ केयर, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, शिपिंग कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया, बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, कंटेनर कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया, एनएमडीसी का नागरनगर स्टील प्लांट, सेल का दुर्गापुर अलॉय स्टील प्लांट, सलेम स्टील प्लांट और भद्रावती यूनिट, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, इंडियन मेडिसिन एंड फार्मास्यूटिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक, इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की कई इकाइयां, नॉर्थ इस्टर्न इलेक्ट्रॉनिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिटेड और कामरजार पोर्ट।
झारखंड कांग्रेस ने किया विनिवेश का विरोध
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कोल ब्लॉक की नीलामी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश के फैसले का विरोध किया है। पार्टी प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट काल को भी अवसर में बदलने की बात की थी, लेकिन इस बात का अंदाजा किसी को नहीं था कि जब पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां ठप हैं, वैसे समय में ही कोल ब्लॉक नीलामी के नाम पर जमीन पर कब्जा कर उद्योगपतियों को सौंप दिया जायेगा और इसे अवसर का नाम दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों की नजर झारखंड की जमीन और भू-संपदा पर लग चुकी है। पिछले छह वर्ष के कार्यकाल में भी गोड्डा में अडाणी पावर प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण समेत अन्य परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण हो चुका है। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण कानून में भी संशोधन कर पूंजीपतियों और व्यवसायियों के एक समूह को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गयी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा शासनकाल में छह एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंप दिया गया है। राष्ट्रीयकृत बैंकों की स्थिति बेहद खराब है। अब केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचने का अभियान शुरू किया है, जिसका विरोध किया जायेगा।
प्रस्तावित झारखंड के कोल ब्लॉक
’कोल ब्लॉक रिजर्व (मिलियन टन)
’अशोक करकट्टा (नॉर्थ कर्णपुरा) 155
’ब्रह्माडीहा (गिरिडीह) 05
’बुंडू (नॉर्थ कर्णपुरा) 102
’बूढ़ाखाप स्मॉल पैच (रामगढ़) 9.68
’चकला (नॉर्थ कर्णपुरा) 76.05
’चितरपुर (नॉर्थ कर्णपुरा) 222.43
’कोरियाटांड़ (तिलैया) 97.03
’गोंदुलपाड़ा (नॉर्थ कर्णपुरा) 176.33
’जयनगर (साउथ कर्णपुरा) 77.52
’जगेश्वर-खास जगेश्वर (वेस्ट बोकारो) 84.03
’लालगढ़ नॉर्थ (वेस्ट बोकारो) 27.04
’लातेहार (औरंगा) 22.04
’महुआगढ़ी (राजमहल) 305.95
’नॉर्थ दहादू (नॉर्थ कर्णपुरा) 923.94
’पतरातू (साउथ कर्णपुरा) 450
’राजहरा नॉर्थ (डाल्टनगंज ) 20.27
’राउतास क्लोज्ड माइन (रामगढ़) 07
’सेरेनग्रहा (नॉर्थ कर्णपुरा) 187.29
’सीतानाला (झरिया) 100.9
’उर्मा पहाड़ीटोला (राजमहल) 579.3
’महुआमिलान (नॉर्थ कर्णपुरा) 101.24
’तोकीसूद-2 (साउथ कर्णपुरा) 127.69