रांची। मांडर विधायक बंधु तिर्की द्वारा विधानसभा मे आवाज उठाने के बाद 15 साल से न्यायालय के आदेश के बावजूद दूसरे के कब्जे में फंसे आदिवासी की जमीन को मुक्त कराया जा सका। पूर्वजों की खोयी जमीन के वापस आने से प्रसन्न आदिवासी भूस्वामी ने बंधु तिर्की के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके आवास बनहोरा में यह जानकारी दी। बताते चलें कि ओरमांझी थाना क्षेत्र के हिसातू गांव के वृद्ध असमु उरांव को कई वर्षों बाद उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया गया। असमु उरांव के खाता संख्या 44 की कुल 98 डिसमिल भूमि पर गांव के दुती महतो का कब्जा था। इसे लेकर असमु उरांव की ओर से 2002-03 में न्यायालय में मामला ले जाया गया था। न्यायालय द्वारा 2005 में ही असमु उरांव को दखल दिलाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बार-बार दखल दिलाने की कार्रवाई टलती गयी। स्थानीय प्रशासन द्वारा कब्जा दिलाने में देरी होने के कारण असमु उरांव एवं उनके परिजनों ने विधायक बंधु तिर्की से न्याय दिलाने का आग्रह किया। श्री तिर्की ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न के दौरान असमु उरांव की दखलदिहानी का मामला उठाया था, इस मामले को सरकार ने सही पाया था। तत्पश्चात मंगलवार को सीओ शिव शंकर पांडेय के नेतृत्व में प्रशासन द्वारा उक्त जमीन पर बने मकान पर कब्जा दिलाया दिया गया।
98 डिसमिल पुश्तैनी जमीन पर 15 साल बाद मिला कब्जा
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