आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राजनीति में शुचिता के पैरोकार जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा है 2016 के राज्यसभा चुनाव में हुई गड़बड़ियों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड में 19 जून को होनेवाला राज्यसभा चुनाव सर्वसम्मति से होना चाहिए। श्री राय ने सोमवार को कहा कि राज्यसभा की दो सीटों के लिए झामुमो और भाजपा से एक-एक उम्मीदवार रहते तो ठीक होता। इससे दोनों को सर्वसम्मति से एक-एक सीटें मिल जातीं। परंतु कांग्रेस द्वारा तीसरा उम्मीदवार दिये जाने से कई तरह की आशंकाएं जन्म ले रही हैं। राज्यसभा चुनाव में किसी तीसरे प्रत्याशी के लिए जगह नहीं है। तीसरे के होने से अब कौन किसे लंगड़ी मारेगा यह देखनेवाली बात होगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे ही वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भी दो ही उम्मीदवारों की जगह थी। तीसरे उम्मीदवार के आने से हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला और कई तरह की अनियमितताएं हुर्इं। यहां तक कि अधिकारियों के भी गड़बड़ियों में लिप्त रहने की बात सामने आयी। कई तरह के आरोप लगे। कुछ वीडियो भी सामने आये। मतदाताओं को रोकने की कोशिश के आरोप लगे।
इस प्रकार की अनियमितता की शिकायतों पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने गंभीरता दिखायी और मामले में जिनके नाम उछले उन पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। परंतु उस समय चुनाव आयोग के निर्देश को दबा दिया गया। मेरी मांग है कि उस समय हुई गड़बड़ियों की की जांच होनी चाहिए।
दंगल की कवायद नहीं बनाना चाहिए
गौरतलब है कि सरयू राय ने तीन जून को अपने एक बयान में कहा था कि राज्यसभा चुनाव पहले ही होना था पर कोरोना संकट के कारण यह टल गया। मेरी मान्यता है कि इस तरह के चुनाव में सर्वसम्मति से चुनाव होना चाहिए जैसा बिहार में हुआ। एक प्रत्याशी भाजपा का और एक दूसरे पक्ष का हो जाये, तो सर्वसम्मति से चुनाव हो जायेगा। कांग्रेस ने एक तीसरा प्रत्याशी खड़ा किया है। परंतु उसकी राह मुश्किल है। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए जैसा बार-बार राज्यसभा चुनाव में होता है। इससे खरीद-फरोख्त और हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिलता है। इससे राज्य बदनाम होता है। राज्यसभा चुनाव को दंगल बनाये जाने से बचना चाहिए।