पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन अब पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी कर​ने की कोशिश कर रहा है​ चीन की वायुसेना (पीएलए एफ) ने पाकिस्तान के 3 ​​हवाई अड्डों कंडवारी, रहीम यार खान और सुक्कुर पर ​अपने लड़ाकू जेट तैनात कर दिए हैं​। इस समय ​​पाकिस्तान के वायु क्षेत्र में ​​20 से अधिक चीनी वायुसेना के लड़ा​​कू जेट ​​उड़ते दिखाई दिए हैं। पीएलए एफ के सैकड़ों वायु सैनिक भी पाकिस्तान के इन तीनों हवाई अड्डों के पास नजर आ रहे हैं​​​​​ इसके अलावा चीन राजस्थान और गुजरात से लगती सीमा पर भी एयरपोर्ट का जाल बिछा रहा है​​​​​​​​ 
 
​पाकिस्तान की सीमा में एयरपोर्ट बनाने के पीछे चीन का तर्क है कि इससे चीन और पाकिस्तान के व्यापार को फायदा मिलेगा लेकिन चीन की मंशा किसी से छुपी नहीं है। राजस्थान की जैसलमेर के घोटारु सीमा के ठीक सामने 25 किलोमीटर की दूरी पर कदनवाली के खेरपुर में ​चीन का ​एयरबेस तैयार हो चुका है​​​​ जैसलमेर बॉर्डर पर हमेशा चीनी सैनिक देखे जाते​ हैं। यहां पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी कुछ महीनों में बढ़ी है​​​​​​ इस एयरबेस पर ​पाकिस्तान ​चीन से मिले चेनगुड जे-7 फाइटर विमान, जे.एफ-17 फाइटर विमान, वाई-8 रडार और कई ​विमान उतारता रहता है​​​​​ इसी तरह बाड़मेर में मुनाबाव के सामने थारपारकर में भी चीनी सैनिक एयरपोर्ट बना रहे हैं​​​​ इसकी दूरी भी भारतीय सीमा से करीब 25 किमी. है​​​​​ चीनी सैनिक केवल राजस्थान सीमा पर ही नहीं बल्कि गुजरात से लगती सीमा पर भी एयरपोर्ट तैयार कर रहे हैं​​​​ गुजरात के सीमा के सामने 20 किमी. दूर मिठी में एक एयरपोर्ट बन​​ रहा है​​​​​ चीन, राजस्थान बॉर्डर से करीब 25 किमी दूर एयरपोर्ट बना रहा है, वही गुजरात बॉर्डर से लगभग 20 किमी दूर एयरपोर्ट बना रहा है।
कडंवारी एयरपोर्ट ​पाकिस्तान का ​निजी घरेलू हवाई अड्डा है, जो सिंध, पाकिस्तान में स्थित है। इसका स्वामित्व गैस कंपनियों के एक कंसोर्टियम के पास है और इसका संचालन ओएमवी पाकिस्तान द्वारा किया जाता है। इसका रनवे ​ ​7,874 फीट लम्बा है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ​यहां से ​सप्ताह में तीन बार एटीआर 42-500 का उपयोग करते हुए पीके-155 और पीके -155 के माध्यम से नियमित रूप से निर्धारित उड़ानें संचालित करती है।​ इसी तरह पाकिस्तान के शेख जायद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को रहीम यार खान हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाता है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहीम यार खान शहर से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका नाम जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर है, जिन्होंने इस हवाई अड्डे और अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की। इसका स्वामित्व और  संचालन पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के पास है। इसका रनवे 9,842 फीट लम्बा है। पाकिस्तान एविएटर्स एंड एविएशन लहौर तक चार्टर्ड विमान और पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण इस्लामाबाद, कराची, लाहौर और जेद्दाह तक उड़ानों का संचालन करता है। 
 
पाकिस्तान का सुक्कुर हवाई अड्डा पूरी तरह से घरेलू है जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सुक्कुर जिले के सुक्कुर शहर के केंद्र से लगभग 8 किमी दूर स्थित है। यह एक मध्यम आकार का हवाई अड्डा है जो मुख्य रूप से सुक्कुर, खैरपुर और रोहरी की आबादी को कवर करता है। यह कराची में जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का मुख्य वैकल्पिक मार्ग है, जिसकी दूरी लगभग 350 किमी/220 मील है। इसके रनवे की लम्बाई 9,000 फीट है। जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद सुक्कुर हवाई अड्डा सिंध में दूसरा मुख्य परिचालन हवाई अड्डा है। पक्का रनवे लगभग 2,700 मीटर लंबा है। यह विशेष रूप से आपात स्थिति के समय और खराब मौसम की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी संभालता है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस यहां से कराची और इस्लामाबाद के लिए ​उड़ानों का संचालन करती है​​
 
चीनी सैनिकों के लिए भारतीय सीमा के पास दो एयरपोर्ट बन चुके हैं जबकि दो और एयरपोर्ट बन रहे हैं​ ​यह भी जानकारी मिली है कि ​चीनी सैनिक पाकिस्तान के ​कराची, जकोकाबाद, क्वेटा, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर जैसे एयरबेस को अत्याधुनिक बना रहे हैं
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