जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि देश में हॉर्स ट्रेडिंग का खतरनाक खेल चल रहा है। ऐसे लोगों को नेस्तनाबूत कर झटका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता सब समझ रही है और कोई आश्चर्य नहीं है कि आने वाले वक़्त में जनता खुद उन्हें झटका दे देगी। उन्हें भ्रम नहीं होना चाहिए। गहलोत होटल शिव विलास में कांग्रेस विधायकों से चर्चा के बाद बुधवार अर्धरात्रि पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
गहलोत ने मार्च में होने वाले राज्यसभा चुनावों को निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाकर टलवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चूंकि दो महीने पहले गुजरात में विधायकों की खरीद-फरोख्त पूरी नहीं कर पाए थे, इसलिए ऐसा किया गया। उस समय भी कोरोना संकट था, आज भी है तो चुनाव टालने का क्या तुक था।
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त को लेकर की गई शिकायत पर गहलोत ने कहा कि लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश चल रही है। सोशल मीडिया से ख़बरें आ रही हैं बड़े रूप में नकदी पहुंच चुकी है। जयपुर में करोड़ों-अरबों रुपये भेजे जा रहे हैं। ये कौन भेज रहा है? एडवांस देने की बातें हो रही हैं। दस करोड़ एडवांस ले लीजिए, बाद में 10 और देंगे, फिर 5 और देंगे, ये क्या हो रहा है। खुला खेल हो रहा है। इसलिए महेश जोशी ने ठीक किया रिपोर्ट दर्ज करवाई है। कम से कम इस पर अंकुश लगेगा। पकड़ में आएगा तो उनको अंदर रखना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, हम जानते थे कि मध्यप्रदेश के बाद में राजस्थान में भी गेम होगा। हालांकि मध्य्प्रदेश के जो बाइस एमएलए गए हैं, उनकी बहुत दुर्गति हो रही है। वे अपने क्षेत्र में घुस नहीं पा रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि तुम तो 25 करोड़ में बिके हुए लोग हो। किस मुंह से आए हो वापस। हमने पांच साल के लिए भेजा था। उधर, भाजपा वाले भी उन्हें टिकट नहीं दे पा रहे क्योंकि वहां भाजपा का खुद का कैडर है। वहां ना चुनाव हो पा रहे हैं और ना ही कैबिनेट बन पा रही है।
गहलोत ने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि मैं इस राजस्थान की धरती पर मुख्यमंत्री हूं। इस धरती के लाल बिना सौदे के और बिना लोभ-लालच के सरकार का साथ देते हैं। सरकार स्थायी रहनी चाहिए इस सोच के साथ जब पिछली बार मुख्यमंत्री बना तब भी बसपा के छह विधायक साथ आए थे, इस बार भी छह विधायक साथ आए।
राजस्थान के कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी के सवाल पर गहलोत ने कहा कि सबको मालूम है जिस प्रकार से कभी कर्नाटक, कभी मध्यप्रदेश, कभी महाराष्ट्र, राजस्थान में चर्चाएं चल रही हैं, इसी के मद्देनजर सब की इच्छा थी, तो हम सब लोग आपस में मिल लिए। हम सब आज बैठे, बातचीत की। दिल्ली से हमारे पर्यवेक्षक रणदीप सुरजेवाला भी बैठक में साथ थे। सबने भावना व्यक्त की, अच्छी मीटिंग हुई। सभी यहां से एकजुट होकर गए हैं। जनप्रतिनिधि कानून में संशोधन के सवाल पर गहलोत ने कहा कि पहले भी बिल आए संशोधन हुए। उसके बाद भी कोई न कोई रास्ता निकाल लेते हैं।