रांची। देवघर में श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर दायर सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका में कोर्ट ने देवघर उपायुक्त सह बाबा बैद्यनाथ मंदिर मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले में बिहार सरकार को भी प्रतिवादी बनाया है। सावन में बाबा बैद्यनाथ के पट खोलने और पूजा शुरू करने की मांग को लेकर दायर निशिकांत दुबे की याचिका की सुनवाई हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। खंडपीठ ने महाधिवक्ता को निर्देश दिया है कि वह सरकार से इसपर मंतव्य ले कि देवघर में श्रावणी मेला को आयोजित करने पर सरकार की क्या राय है? क्या सावन के एक माह तक देवघर में श्रावणी मेला सुचारू रूप से चलाया जा सकता है? इन विंदुओं पर सरकार से राय लेकर महाधिवक्ता को कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी।

बता दें कि सांसद निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से यह मांग की है कि केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार देवघर में बाबा मंदिर के पट को पूजा के लिए खोला जाये ताकि सावन में श्रद्धालु बाबा के दर्शन और पूजा कर सकें। श्रावणी मेला शुरू करने की अनुमति देने का भी उनकी ओर से आग्रह किया गया है। सांसद के द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जगरनाथ मंदिर रथ यात्रा के लिए कुछ शर्तों के आधार पर वह यह यात्रा निकालने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार ने भी कुछ शर्त के आधार पर मंदिर में पूजा प्रारंभ करने की भी अनुमति दी है। उसी आधार पर झारखंड सरकार भी बाबा बैद्यनाथ के पट खोलकर लोगों को पूजा करने की अनुमति दें।

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