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    Home»Breaking News»चला तीर, फूल की खुशबू फिजा में बिखरी
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    चला तीर, फूल की खुशबू फिजा में बिखरी

    azad sipahiBy azad sipahiJune 19, 2020No Comments4 Mins Read
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    राजीव
    विधानसभा: जैसा देखा-सुना
    रांची। हल्की उमस। एक तरफ राजधानी में जहां हल्की बारिश से मौसम सुहाना हुआ। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में सियासी तपिश के साथ मौसम की बेरूखी कम होने का नाम नहीं ले रही थी। शुक्रवार की सुबह से दोपहर तक पार्टियों की ताल से सियासी पारा चढ़ता रहा। इस राजनीतिक तपिश को कमोवेश हर पार्टी और दल के विधायकों ने महसूस किया। विधानसभा में नौ बजने के साथ ही हलचल बढ़ गयी थी। मीडियाकर्मी और नेताओं का हुजूम इस बात की गवाही दे रहा था कि आज नये विधानसभा भवन में काफी कुछ खास होनेवाला है।

    धीरे-धीरे विधानसभा में सरपट पहुंच रही गाड़ियों की कतार भी मौसम की तपिश को फीका कर दिया। विधानसभा परिसर सफेद लकदक कुर्ते से अटा रहा। काफी संख्या में पहले भाजपा, कांग्रेस फिर झामुमो के कार्यकर्ता पहुंचे। हर तरफ चुनाव को लेकर गणित बैठाया जा रहा था, तो दूसरी ओर संख्या की जोरा-जोरी चल रही थी। विधानसभा पहुंचे अधिकतर कार्यकर्ता सफेद लकदक कुर्ते-पैजामा में थे। भले ही चर्चा के केंद्र में रहे सरयू राय ने सबसे अंतिम वोट किया। लेकिन इससे पहले ही तीन उम्मीदवारों में दो की किस्मत बैलेट में कैद हो चुकी थी। कारण सभी विधायकों ने मतदान कर दिया था। इसी के साथ रजनीगंधा के फूल की खुशबू फिजां में तैरने लगी।

    इसकी चर्चा भी विधानसभा में खूब होती रही। कारण भाजपा के विधायक रजनीगंधा बस से विधानसभा पहुंचे। उसी वक्त से यह चर्चा होने लगी थी कि अब रजनीगंधा की खुशबू राज्यसभा तक फैलेगी। यानी दीपक प्रकाश राज्यसभा में जायेंगे। वहीं दूसरी ओर दिन चढ़ने के साथ ही शिबू सोरेन की जीत की गारंटी हर कोई देने लगा। विधायक भी इसमें हामी भरने लगे। भाजपा के दीपक प्रकाश और झामुमो के शिबू सोरेन के साथ कांग्रेस के शहजदा अनवर चुनावी मैदान मैदान में थे। भाजपा के आला नेता ओम माथुर और अरुण सिंह कमान संभाले हुए थे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पीएल पुनिया ने मोर्चा संभाला था। वहीं सीएम हेमंत सोरेन खुद कमान संभाले हुए थे। तमाम कयासों को उस वक्त विराम लग गया जब राज्यसभा सीट दीपक प्रकाश और शिबू सोरेन के जीतने की घोषणा की गयी। वैसे काउंटिंग के आधे घंटे के बाद कांग्रेस के बन्ना गुप्ता समेत अन्य नेताओं के बाहर निकलने के साथ ही यह अटकलें तैरने लगी थी कि अब शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश के सिर पर ही राज्यसभा का सेहरा बंधनेवाला है। जीत की घोषणा के साथ ही नारेबाजी और फूल माला पहनाने का दौर शुरू हो गया। जिंदाबाद के नारे भी लगाये गये।

    पहला वोट भूषण और अंतिम वोट सरयू ने डाला
    राज्यसभा चुनाव में पहला वोट झामुमो के भूषण तिर्की ने डाला। वहीं अंतिम वोट निर्दलीय विधायक सरयू राय ने किया। इस बीच कांग्रेस की ओर से रामेश्वर उरांव, भाजपा के मनीष जयसवाल ने पार्टी की ओर से पहला वोट किया। साथ ही ढुल्लू महतो ने भी पुलिस कस्टडी में पहुंच कर वोट किया। इधर, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और विधायक लंबोदर महतो के साथ आजसू प्रमुख सुरेश महतो पहुंचे। सुदेश महतो ने कहा कि आजसू ने अपना स्टैंड पहले ही क्लियर कर दिया है। भाजपा के पक्ष में वोट करेंगे।

    कोरोना संक्रमण का साया भी दिखा
    राज्यसभा चुनाव के दौरान विधानसभा परिसर में कोरोना संक्रमण का साया भी दिखा। विधानसभा पोर्टिको पहुंचने के साथ ही सेनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था की गयी थी। विधायकों को गलब्स के साथ हाथ सेनिटाइज भी करवाया जा रहा था। इसके अलावा विधायकों को फेस गार्ड भी पहनाया जा रहा था।

    कांग्रेस के पास आंकड़ा नहीं, चमत्कार की थी उम्मीद
    कांग्रेस के पास जीत का आंकड़ा पहले से नहीं था। बावजूद इसके कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव की झारखंड में चली आ रही परिपाटी और चमत्कार की उम्मीद थी। हालांकि शुक्रवार को कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फिर गया। कारण कांग्रेस के पास फिलहाल 15 विधायक हैं। वहीं दो निर्दलीय बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने भी समर्थन किया था। वहीं कांग्रेस को आजसू के अलावा निर्दलीय विधायक कमलेश सिंह, अमित यादव पर भी भरोसा था। इसके अलावा क्रास वोटिंग की भी उम्मीद थी, लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं दिखा। हालांकि इस बारे में सरयू राय ने पहले ही आगाह किया था कि आंकड़ा नहीं है, इस कारण कांग्रेस को अपना प्रत्याशी वापस लेना चाहिए, लेकिन कांग्रेस अपने स्टैंड पर कायम रहा। उसे 2012 का इतिहास हमेशा याद रहा, जब आंकड़ा नहीं होने के बावजूद कांग्रेस के प्रदीप बलमुचू राज्यसभा का सफर तय करने में कामयाब रहे। इसकी चर्चा कई मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम खुद भी कर चुके थे।

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