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    Home»Breaking News»नहीं बढ़ेगी मनरेगा की ‘मजदूरी’ और न कार्य दिवस
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    नहीं बढ़ेगी मनरेगा की ‘मजदूरी’ और न कार्य दिवस

    azad sipahiBy azad sipahiJune 8, 2020No Comments3 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर ग्रामीण इलाकों में प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत ज्यादा मानदेय और कार्य दिवस दिलाने के झारखंड सरकार के प्रयासों को धक्का लगा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव एनएन सिन्हा ने सोमवार को यह स्पष्ट किया कि अभी फिलहाल मनरेगा की मजदूरी और कार्य दिवस नहीं बढ़ाया जा सकता। कहा कि झारखंड में मनरेगा के तहत एक दिन के काम के बदले दिया जाने वाला मानदेय हाल ही में बढ़ाकर 194 रुपये किया गया है। यह बढ़ोतरी एक सिस्टम से की गयी है और अन्य राज्यों के साथ झारखंड में भी मनरेगा के मानदेय में वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि झारखंड के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है। कहा कि अब इससे ज्यादा बढ़ोतरी इस साल संभव नहीं है। सिन्हा सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। सिन्हा ने साफ कहा कि यथा संभव दर बढ़ाने की कोशिश की गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण योजना की घोषणा के साथ इस दर की वृद्धि का निर्णय लिया था। इसलिए इसमें तत्काल कोई परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है।

    झारखंड ग्रामीण विकास सचिव ने रखी दर बढ़ाने की मांग
    बैठक में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने मानदेय बढ़ोतरी को लेकर पक्ष रखा। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि दूसरे राज्यों में धान और गेंहू की कटाई के लिए यहां के मजदूरों को 300 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं, जबकि यहां मिट्टी कटाई के एवज में उन्हें 194 रुपये दिये जाते हैं। इसलिए यहां भी मजदूरी बढ़ायी जानी चाहिए।

    100 दिन का उपयोग नहीं होता, कैसे बढ़ेगा कार्यदिवस
    केंद्रीय सचिव ने कहा कि जहां तक 100 दिनों से ज्यादा कार्य दिवस बढ़ाने का मुद्दा है, यह अभी फिलहाल संभव नहीं है। कहा कि आज भी 40-50 दिन से ज्यादा का यूटिलाइजेशन नहीं होता है। यह डिमांड ड्रिवेन स्कीम है। अगर जरूरत पड़ेगी तो कार्य दिवस बढ़ाया जायेगा। लेकिन, उससे पहले संपूर्ण कार्यदिवस का यूटिलाइजेशन जरूरी है।

    झारखंड सरकार ने केंद्र से कार्यदिवस बढ़ाने का किया था आग्रह
    झारखंड सरकार ने वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत काम देने का देने की घोषणा कर दी है। इसके तहत तीन नयी योजनाएं की गयी हैं। साथ ही, राज्य सरकार मनरेगा के मानदेय और कार्य दिवस को बढ़ाने को लेकर केंद्र से मांग करती रही है। ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा की मजदूरी 200 रुपये से अधिक करने और कार्य दिवस 150 तक बढ़ाने को को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा था।

    तीन विभाग की हुई समीक्षा
    केंद्रीय सचिव एनएन सिन्हा ने सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग और महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा की। इसके तहत चल रहे विकास कार्यों और अन्य योजनाओं पर चर्चा की गयी। सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश सकारात्मक है। कहा कि नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन में लगे लोगों को रोजगार देने के बारे में राज्य सरकार को 5 साल के टाइम फ्रेम के साथ सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े पैसे रिलीज करने में थोड़ी कठिनाई हो रही है। इस पर राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। केंद्र सरकार अपने हिस्से के पैसे रिलीज कर रही है। राज्य सरकार को भी इस पर गंभीर होना चाहिए। बैठक में राज्य के ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक समेत अन्य अधिकारी अधिकारी मौजूद रहे।

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