धनबाद : काेराेना काल में लाशों की भी फजीहत हाे रही है। धनबाद के ही पीएमसीएच में इसका नजारा देखा जा सकता है। नियमानुसार बगैर काेराेना जांच परिवार को शव नहीं साैंपा जा सकता। शव को पहले अस्पताल के इमरजेंसी में लाया जाता है। यहां से शव से स्वाब लिया जाता है। फिर पाेस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है। इमरजेंसी से पाेस्टमार्टम हाउस की दूरी आधे किमी है। शवाें काे वहां तक पहुंचाने का इंतजाम नहीं है। ठेला से शव को पहुंचाया जाता है।
संसाधन ही नहीं …इसलिए ठेला गाड़ी से ले जा रहे शव
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