आंशिक लॉकडाउन के बावजूद, पश्चिम रेलवे की पार्सल विशेष रेलगाड़ियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में सभी प्रकार की आवश्यक सामग्री का परिवहन निरंतर जारी रखा है, जिनमें विशेष रूप से वर्तमान परिदृश्य की एक प्रमुख आवश्यकता के रूप में दवाओं और चिकित्सा वस्तुओं का परिवहन शामिल है। इसी क्रम में 16 जून 2020 को, दूध की एक रेक सहित तीन पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें एक पार्सल स्पेशल ट्रेन बांद्रा टर्मिनस से लुधियाना और दूसरी देवास से जबलपुर के लिए चलाई गई। दूध की एक रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। इस बीच, पश्चिम रेलवे द्वारा अब तक लॉकडाउन के कठिन समय के दौरान, मालगाड़ियों के 6437 रेकों द्वारा 13 मिलियन टन से अधिक वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन किया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर के अनुसार 23 मार्च से 15 जून, 2020 तक इसकी 338 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 57,500 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली आय लगभग 18.44 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 43 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिसमें 32 हजार टन से अधिक भार था और वैगनों का 100 % उपयोग से लगभग 5.51 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, 23 हजार टन से अधिक भार वाली 290 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 11.85 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 2378 टन के साथ 5 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.07 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने अवगत कराया कि 22 मार्च से 15 जून, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान 13.02 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 6437 रेकों का उपयोग किया गया। 12,767 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 6,398 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 6,369 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 339 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसे आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गए।
लॉकडाउन के कारण नुकसान और रिफंड अदायगी : भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे की कुल कमाई का अनुमानित नुकसान 1331 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 190.63 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1140.54 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 342.03 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 159.90 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 52.40 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।
Share.

Comments are closed.

Exit mobile version