आजाद सिपाही टीम
धनबाद। राज्य के चर्चित गांजा प्लॉट कांड का एक तरह से खुलासा हो गया है। इस मामले का अनुसंधान कर रहे सीआइडी के अधिकारियों को पता चल गया है कि मामला कोयला तस्कर और पुलिस के गंठजोड़ की परिणति है। कोयला तस्कर के इशारे पर इस पूरे मामले को अंजाम दिया गया, जिसमें कई पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इस आरोप को पुष्ट करने के लिए तय किया गया है कि तत्कालीन एसएसपी कौशल किशोर से भी पूछताछ की जायेगी। यह मामला कितना गंभीर है, यह इसी से स्पष्ट हो जाता है कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान सीआइडी के एडीजीपी अनिल पाल्टा शुक्रवार और शनिवार को धनबाद में रहे। इस मामले में जेल भेजे गये नीरज तिवारी, रवि ठाकुर और सुनील चौधरी को दो दिनों की रिमांड पर लिया गया था। एडीजीपी ने इन सभी से अलग-अलग पूछताछ की। उन्होंने यह भी जाना कि गांजा कहां से लाया गया और किसके इशारे पर प्लॉट किया गया था। चिंरजीत घोष ही क्यों टारगेट था। एडीजीपी ने खुद निरसा के पूर्व थानेदार उमेश प्रसाद सिंह और एसडीपीओ विजय कुशवाहा से भी पूछताछ की। इन दोनों ने बताया कि एसएसपी की सूचना पर पूरी कार्रवाई की गयी थी। एडीजीपी ने पश्चिम बंगाल के एक कोयला तस्कर राजीव राय से भी पूछताछ की। पूछताछ खत्म करने के बाद शनिवार को मीडिया से बात करते हुए एडीजीपी ने कहा कि इस मामले में तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल से भी पूछताछ होगी।
मामले में धनबाद के पूर्व एसएसपी से भी होगी पूछताछ …
एडीजीपी ने कहा कि पूछताछ से मामले की तस्वीर साफ हो गयी है, लेकिन पर्दा उठने में अभी समय लगेगा। गवाहों और मुजरिमों के नामों का खुलासा अभी करना मुमकिन नहीं है, दोषी नहीं बचेंगे। बारीकी से सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि निर्दोष कतई नहीं फंसेंगे, पर षडयंत्रकारी बचेंगे भी नहीं। आरोप पत्र समर्पित करने में थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जानी होती हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि निरसा गांजा बरामदगी केस से पुलिस की छवि को धक्का लगा है।