रांची। जमीन कारोबारी दिलावर खान से मिलकर एटीएस द्वारा की गयी छापामारी पर डीआइजी अखिलेश झा ने सवाल खड़ा किया है। डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर उन्होंने इस मामले की जांच की और जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में डीआइजी ने कई सवाल खड़े किये हैं। इसमें कहा गया है कि एटीएस छापामारी की सूचना रांची पुलिस को नहीं दी गयी थी। जब दो निर्दोष लोगों को पकड़ा गया, तब सदर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गयी। इस मामले में एटीएस के एक इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदेहास्पद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छापामारी के बाद पकड़े गये दोनों लोग आदिल अफरीदी और राकेश सिंह जब अपने को निर्दोष बता रहे थे, तब एटीएस के अधिकारियों को उनकी बात भी सुननी चाहिए थी। साथ ही सूचना की छानबीन की जानी चाहिए थी। यह भी कहा गया है कि जमीन कारोबारी से एटीएस के एक इंस्पेक्टर के अच्छे रिश्ते हैं। तीन दिन पहले एटीएस ने बूटी मोड़ के नजदीक छापामारी कर दो लोगों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों को सिमी के कनेक्शन से जोड़ने की कोशिश की गयी थी। रांची पुलिस ने जब इस मामले की जांच की, तो पूरा मामला उल्टा निकला। सूचक दिलावर खान ने अपने चालक शब्बीर से हथियार रखवाया था और दो लोगों को फंसाने की कोशिश की थी। यह मामला जमीन कारोबार से जुड़ा है। इंस्पेक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है। साथ ही छापामारी दल में शामिल डीएसपी और एटीएस के एसपी के संबंध में भी रिपोर्ट में टिप्पणी की गयी है।

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