नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच शनिवार को डेलिगेशन लेवल की होने वाली बातचीत पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं क्योंकि दोनों पक्षों के बीच पहले कई दौर की मीटिंग बेनतीजा खत्म हुई थी। अभी गलवान घाटी समेत कई इलाकों में दोनों तरफ की सेनाएं आमने-सामने हैं और तनाव चरम पर है। माना जा रहा है कि इस बैठक में 5-6 मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। कल होने वाली बातचीत में भारत का नेतृत्व लेफ्टिनेंट नजरल हरिंदर सिंह करेंगे। उनके साथ मेजर नजरल बापट और ब्रिगेडियर एवं कर्नल लेवल के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बैठक में 5-6 अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।

फिंगर एरिया में विवाद पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक ईस्टर्न लद्दाख में फिंगर-4 के पास दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हैं। पैंगोग शो लेक से आगे के पहाड़ी इलाके में 8 पहाड़ हैं। पहाड़ों के इन अलग अलग उभार को फिंगर 1 से लेकर फिंगर 8 तक नाम दिया गया है। भारत का दावा है कि फिंगर 1 से फिंगर 8 तक का पूरा इलाका भारत का है जबकि चीन फिंगर 8 से फिंगर-2 तक अपना इलाका मानता है। डेलिगेशन लेवल की बातचीत में इस मसले पर चर्चा होगी। चीन फिंगर एरिया 2 में क्यों पहुंचा इसपर भी उससे जवाब मांगा जाएगा।

मीटिंग में गलवान इलाके पर भारत कहेगा दो टूक
मीटिंग में रणनीतिक दृष्टि से अहम गलवान इलाके को लेकर भारत चीन को दो-टूक कह सकता है। कारारोरम दर्रे को जोड़ने वाला इस बेहद अहम इलाके में दोनों तरफ की सेनाएं आमने-सामने हैं।

सैनिकों की संख्या घटाने पर भी बात
दोनों देश सीमा पर सैनिकों की संख्या को लेकर भी बात करेंगे। चीनी सेना के LAC के कुछ इलाकों में अंदर तक घुसने की खबरों के बाद भारत ने भी सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इस वक्त सीमा पर दोनों तरफ के हजारों सैनिक तैनात हैं। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी और सैनिकों को कम करने के तरीकों पर चर्चा हो सकती है।

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