आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे राज्यों से लौट कर आये प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए बिहार के खगड़िया जिले की तेलिहार ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय स्तर पर गरीब कल्याण रोजगार योजना की शनिवार को शुरूआत की। इस योजना में झारखंड के तीन जिलों, गोड्डा, गिरिडीह और हजारीबाग को शामिल किया गया है। इसके अलावा देश के 15 राज्यों के 113 जिले इस योजना से कवर होंगे। इस योजना पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गयी है।
मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार योजना से गांवों में आजीविका के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से गांवों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उसने शहरों को एक बड़ी सीख दी है।
पीएम ने कहा कि गांवों के पास, कस्बों और छोटे शहरों में स्थानीय उपज से अलग अलग उत्पाद बने, पैकिंग वाली चीजें बने, इसके लिए उद्योग समूह बनाये जायेंगे। इसका बहुत बड़ा लाभ किसानों को होने जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने किसानों से भेदभाव वाले नियमों को खत्म कर दिया है। अब किसान अपने राज्य के बाहर और किसी भी बाजार में अपनी फसल बेच सकता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर किसान भी उतना ही जरूरी है।
इतने वर्षों से हमारे देश में कृषि और किसान को बेवजह के नियमों और कानूनों से बांध कर रखा गया था।
पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरूआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी। इस योजना पर कुछ ही सप्ताह के भीतर करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए। इन तीन महीनों में 80 करोड़ गरीबों तक राशन-दाल पहुंचाने का काम हुआ है। सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि कोरोना महामारी के इस समय में आपको गांवों में रहते हुए किसी से कर्ज न लेना पड़े, किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े।
पीएम ने कहा कि लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, यह पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है। हर बिहारी को इसका गर्व होता है। जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है, उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं। मैं शहीदों के परिवार को विश्वास दिलाता हूं कि देश आपके साथ है।