दुनिया भर में आज दूसरा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। इस खास दिवस का उद्देश्य संतुलित और सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखना और जागरुकता फैलाना है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अन्नदाता किसानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान कोरोना संकट की घड़ी में खाद्य सुरक्षा काफी आवश्यक है और इसके लिए समाज के हर वर्ग को अपनी भूमिका समझनी होगी।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर हमारी थाली में भोजन देने वाले अन्नदाता किसानों को नमन। स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है कि हमारा भोजन शुद्ध हो, बिना मिलावट का हो और पौष्टिक हो। इसके लिए हर किसी को मिलकर प्रयास करने होंगे- भोजन उत्पादक, उपभोक्ता और सरकार सभी का साझा दायित्व है।’

एक अन्य ट्वीट में नायडू ने कहा कि भारत में हर प्रदेश के अनुसार वहां की जरूरत और जलवायु के अनुसार भोजन की समृद्ध परम्परा रही है। जरूरी है कि हम अपने पारंपरिक भोजन और व्यजनों को जीवन में अपनाएं, फास्ट फूड और जंक फूड का त्याग करें, इससे पौष्टिक आहार मिलेगा और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान गरीब-जरूरतमंद लोगों को पर्याप्त और शुद्ध भोजन उपलब्ध कराना भी समाज का साझा दायित्व है।

भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि समाज के समुचित कार्य के लिए खाद्य सुरक्षा महत्वपूर्ण है। यह एक स्वस्थ जीवन जीने का प्रमुख स्रोत है। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर हम सभी को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ और सुरक्षित भोजन खाने के बारे में लोगों में जागरुकता लाने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि सभी को भोजन मिले और कोई भूखा ना रहे, इस उद्देश्य को सुनिश्चित करने के लिए दुनियाभर में कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने प्रतिवर्ष सात जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया। पिछले साल (वर्ष 2019) से शुरू हुए इस खास दिवस की प्रासंगिकता इन दिनों बढ़ गई है। इसका कारण वैश्विक महामारी कोरोना द्वारा दुनिया की बड़ी आबादी को प्रभावित करना है। संकट की इस घड़ी में काफी संख्या में लोग भोज्य पदार्थों के लिए जूझ रहे हैं।

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