कोरोना महामारी एवं अन्य दुर्घटनाओं में घर के मुखिया की अचानक मौत हो जाने से बेसहारा हुए चार परिवारों की महिलाओं को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तुरंत 1.60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाकर उनका संबल बढ़ाया।
कैथूनीपोल निवासी राजेंद्र राठौर की करीब पांच माह पूर्व उत्तर प्रदेश के उरई में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से उनकी पत्नी पिंकी राठौर छोटा-मोटा काम कर किसी तरह अपनी पांच बेटियों और 1 बेटे को पाल रही थीं। लॉकडाउन में काम बंद होने से परिवार संकट में आ गया। ऐसी परिस्थिति में उसकी बेटियां लॉकडाउन में सड़क किनारे रहने वाले लोगों को चाय बेचकर घर चलाने का प्रयास कर रही थीं। इसकी जानकारी मिलने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने पिंकी राठौर को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की।
दादाबाड़ी निवासी छाया भार्गव के पति वीरेंद्र भार्गव तथा ससुर महेंद्र प्रकाश भार्गव की अचानक तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गई थी। जिससे परिवार आर्थिक परेशानी में था। लोकसभा अध्यक्ष ने इस परिवार को 50 हजार रुपये की सहायता की।
गणेशपुरा, इटावा निवासी हरिशंकर सेन गांव में नाई का काम करते थे। 1 मई को कोरोना संक्रमण से उनकी हालत बिगड़ती चली गई। कोटा के एक निजी अस्पताल में 4 मई को उनका निधन हो गया। परिवार में उनकी पत्नी हेमलता सेन पर 3 बेटियों और 2 बेटों के लालन-पालन की जिम्मेदारी है। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने उनको 30 हजार रुपये की मदद की है।
मोरपा के पास धनसूरी गांव निवासी दीनानाथ कुछ दिनों पहले कोटा की भामाशाह मंडी में लहसुन बेचने आया था। मंडी में ही उसकर तबीयत बिगड़ी और कुछ ही देर में उनकी मृत्यु हो गई। बिरला ने उनकी पत्नी राजेश बाई के लिए भी 30 हजार रुपये की मदद की।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला की पहल पर चारों महिलाओं के बैंक खातों में गुरुवार को सहायता राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई। बिरला ने कहा कि कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र के लेाग उनका परिवार हैं। यदि कोई परिवार पीड़ा में है तो उसकी मदद करना हमारा दायित्व है। कोरोना ने बहुत से परिवारों को दर्द दिया है, हम उनकी परेशानियों को भी कम करने का प्रयास करेंगे।