महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक दिन पहले हुए बहुमंजिला इमारत हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। घायलों का इलाज यहां कांदिवली के डॉ. बीआर अंबेडकर शताब्दी अस्पताल में चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमएनआरएफ से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 200,000 रुपये और दुर्घटना में घायल लोगों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

मंत्री असलम शेख और आदित्य ठाकरे, मेयर किशोरी पेडनेकर और नगर आयुक्त आई. एस. चहल और अन्य अधिकारियों के साथ सीएम ने पीड़ितों का हाल-चाल जाना और इलाज के तरीके के साथ ही वहां मौजूद डॉक्टरों से अन्य विवरण की जानकारी ली। ठाकरे ने घर ढहने से मरने वाले 11 लोगों में से प्रत्येक के परिजनों को 5,00,000 रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। इस साल मुंबई में ये पहली बड़ी मानसून संबंधी त्रासदी है। उन्होंने कहा कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिपक्ष (परिषद) प्रवीण दारेकर ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और मामले में ढिलाई के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की आलोचना की। दारेकर ने कहा, स्थानीय सांसद गोपाल शेट्टी ने बीएमसी को लिखित रूप में चेतावनी दी थी कि इन अवैध बहुमंजिला घरों को मानसून में एक बड़ा जोखिम पैदा हो सकता है, लेकिन इसके बारे में कुछ भी नहीं किया गया। बुधवार की रात करीब 11.30 बजे मलाड पश्चिम के मालवणी में न्यू कलेक्टर कॉलोनी में दो मंजिला घर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और बगल के एक मकान पर गिर गया। इस त्रासदी ने अब तक 11 लोगों की जान ले ली है, जिसमें 3 वयस्कों वाले एक परिवार के 9 सदस्य शामिल हैं। पीडि़तों में 8 नाबालिग शामिल हैं, जिनमें से एक 18 महीने की बच्ची और सबसे बड़ा 15 साल का लड़का है। अधिकारियों ने दावा किया कि बांद्रा, धारावी, जोगेश्वरी, मलाड, दहिसर और अन्य जगह पर स्थानीय निवासी प्राधिकरण की मंजूरी के बिना बहु-मंजिला घरों का निर्माण करते हैं। इनमें से कुछ चार या पांच मंजिल तक ऊंचे होते हैं और वह बीएमसी नोटिस की भी अनदेखी करते हैं।

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