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    Home»ताजा खबरें»सेना ने रेगिस्तान में फिर शुरू किए देसी आर्टिलरी गन सिस्टम के परीक्षण
    ताजा खबरें

    सेना ने रेगिस्तान में फिर शुरू किए देसी आर्टिलरी गन सिस्टम के परीक्षण

    sonu kumarBy sonu kumarJune 19, 2021No Comments3 Mins Read
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    भारतीय सेना ने पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित किए गए एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) के परीक्षण शुरू कर दिए हैं। विभिन्न इलाकों और मोड में फायरिंग से जुड़े आकलनों के बाद परियोजना की गहन समीक्षा की जाएगी। इसे पहली बार 26 जनवरी, 2017 को 68वें गणतंत्र दिवस परेड में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था। ​डीआरडीओ ने भारतीय सेना में पुरानी तोपों को बदलने के लिए यह परियोजना 2013 में आधुनिक 155 मिमी. आर्टिलरी गन के साथ शुरू की थी। ​एटीएजीएस​ ​ने 2017 में 47.2 किलोमीटर की दूरी तक राउंड फायर करके 155 मिमी​.​ तोप का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा था​​।
     
    स्कूल ऑफ आर्टिलरी का ट्रायल विंग चल रहे परीक्षणों को अंजाम दे रहा है, जिसके बाद इस पर एक व्यापक रिपोर्ट सेना प्रशिक्षण कमान को भेजी जाएगी ताकि भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जा सके।इन परीक्षणों के ​दौरान टैंक के आकार ​और लक्ष्यों पर दिन​-रात की फायरिंग, पांच राउंड बस्ट के लिए परीक्षण, लगभग तीन मिनट में 15 राउंड की रैपिड-फायर दर और हर घंटे 60 राउंड की निरंतर फायरिंग ​क्षमता आंकी जानी है। ​एटीएजीएस​ के ​गतिशीलता परीक्षण​​ ​रेगिस्तान​ में ​​रेत के टीलों पर नेविगेशन ​के साथ होंगे ​और 70 सड़कों पर ​हाई-स्पीड ट्रायल भी होंगे।​
     
    ​​एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (​​​​​​एटीएजीएस) 155 मिमी/52 कैलिबर हॉवित्जर है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भा​​रतीय सेना के लिए विकसित ​किया है​।​ ​एटीएजीएस​ को ​भारत फोर्ज लिमिटेड​ ​और टाटा पावर एसईडी कम्पनियों ने निर्मित किया है। उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) परियोजना 2013 में ​​डीआरडीओ ने भारतीय सेना में पुरानी तोपों को बदलने के लिए आधुनिक 155 मिमी. आर्टिलरी गन के साथ शुरू की थी। ​​एटीएजीएस​ को विकसित करने में ​डीआरडीओ प्रयोगशाला आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने निजी कंपनियों ​​भारत फोर्ज लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम, टाटा पावर स्ट्रेटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के साथ भागीदारी की। 
     
    ​एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम​ के अब तक हुए परीक्षण ​  
    ​​डीआरडीओ ने 14 जुलाई​,​ 2016 को 155/52 कैलिबर एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम के लिए आयुध की प्रूफ फायरिंग की​ जो पूरी तरह सफल रहा। ​​आर्टिलरी गन ने ​14 दिसम्बर, 2016 को ओडिशा के बालासोर में प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टाब्लिशमेंट (पीएक्सई) में अपने पहले राउंड गोला बारूद को दागा।​ ​2017 में परीक्षण के दौरान​ ​​​एटीएजीएस​ ​ने 47.2 किलोमीटर की दूरी तक राउंड फायर करके 155 मिमी​.​ तोप का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा​​। एटीएजीएस ने उच्च विस्फोटक-बेस ब्लीड (​एचई–​बीबी) गोला-बारूद के साथ अधिकतम 48.074 किलोमीट​​र की दूरी दर्ज करके इस श्रेणी में किसी भी आर्टिलरी गन सिस्टम द्वारा दागी गई अधिकतम सीमाओं को पार किया।
     
    इस​के साथ ही आर्टिलरी गन सिस्टम ने सफलतापूर्वक ​विकास ​परीक्षण ​पूरे कर लिए जिसके बाद 40 तोपों की पहली खेप का निर्माण ​किया गया।​ सितम्बर, 2020 में उपयोगकर्ता ​​परीक्षण ​के दौरान राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ​​एक ​​बैरल फटने ​से तीन विशेषज्ञ घायल ​हो गए। ​​बैरल फटने​ का कारण पता लगाने ​के लिए एक समिति गठित की गई जो अभी भी जांच ​कर रही है। ​नवम्बर, 2020 में​ ​एक जांच के बाद आगे के परीक्षणों के लिए मंजूरी ​मिलने के बाद अब फिर से भारतीय सेना ने​ एटीएजीएस के परीक्षण शुरू ​किये हैं।
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