जांच में पाया बड़ा गड़बड़झाला
रांची। बड़कागांव के पूर्व विधायक और मंत्री रहे योगेंद्र साव पर 38 मामले दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में उन्हें सजा हो गयी है। वहीं कई मामले ट्रायल की स्थिति में है। बड़कागांव की विधायक और योगेंद्र साव की बेटी अंबा प्रसाद के अनुरोध पर राज्य सरकार ने पांच मामलों की जांच के आदेश दिये थे। इन पांच मामलों की सीआइडी ने जांच की। उसमें बड़ा गड़बड़झाला मिला। दो मामलों में तो गवाह ने कहा कि हमें कुछ पता नहीं। दो अन्य मामलों में पुलिस ने जबरिया तरीके से योगेंद्र साव का नाम डाल दिया। एक अन्य मामले की जांच भी संदेह पैदा करती है। सीआइडी की रिपोर्ट के आधार पर टंडवा थाना कांड संख्या 91/15 और 90/15 के अनुसंधानक के विरूद्ध एफआइआर हो चुका है। चतरा एसपी को इस संबंध में निर्देश दिया गया था। वहीं, हजारीबाग एसपी को बड़कागांव थाना कांड संख्या 123/ 16, 167/18 जो एसटी-एससी अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज है और इसी थाना का कांड संख्या 39/19 भी इसी अधिनियम के तहत दर्ज है की जांच रिपोर्ट भेज दी गयी है। रिपोर्ट के आधार पर अब हजारीबाग पुलिस को कार्रवाई करनी है। सीआइडी की रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि किस तरह से पुलिस योगेंद्र साव को फंसायी है। बड़कागांव थाने में एक मामला वहां के तत्कालीन थानेदार परमानंद मेहरा ने दर्ज कराया। मेहरा का आरोप है कि जेल में बंद पूर्व मंत्री ने फोन करके धमकी दी। दूसरा मामला एक अन्य व्यक्ति ने दर्ज कराया है। उसका आरोप है कि वह कहीं जा रहा था तभी मोटरसाइकिल पर तीन लोग आये और उसके पास आकर जेल मेें बंद योगेंद्र साव से बात करायी और उनका साथ देने का अनुरोध किया। इन मामलों में योगेंद्र साव के विरूद्ध चार्जशीट हो चुकी है। हजरीबाग एसपी के निर्देश पर अब आगे की कार्रवाई होगी। योगेंद्र साव के विरुद्ध बड़कागांव, केरेडारी और टंडवा में सबसे अधिक मामले लंबित हैं।
जांच करवाने का अनुरोध करेगी अंबा
बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद एक-दो दिनों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अपने पिता योगेंद्र साव के विरुद्ध जो मामले चल रहे हैं उसकी जांच रेल के एडीजीपी अनिल पालटा करें इसका अनुरोध करेगी। विधायक ने कहा कि उसके परिवार के लोेग जो आरोप लगा रहे थे वह सही साबित हुआ। सभी मामलों की जांच होगी तो सच्चाई सबके सामने आयेगी।