Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, June 11
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»उत्तर प्रदेश»40 क्विंटल से अधिक रंग बिरंगे खुशबूदार फूलों से महक उठा परौंख
    उत्तर प्रदेश

    40 क्विंटल से अधिक रंग बिरंगे खुशबूदार फूलों से महक उठा परौंख

    sonu kumarBy sonu kumarJune 27, 2021Updated:June 27, 2021No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email
     कानपुर देहात जनपद के झींझक कस्बे से करीब 18 किलोमीटर दूर नदी के किनारे बसा गांव है परौख। आज से चार वर्ष पूर्व देश विदेश के मीडियाकर्मी इस गांव को पूछते हुए पहुंचे थे। तब  एनडीए की ओर से  बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया गया था। तब  हिन्दुस्थान समाचार भी सबसे पहले पहुंचने वालों की कतार में था। इसी गांव की माटी में रामनाथ कोविंद का जन्म हुआ था। चार साल बाद एक बार ​फिर मीडिया कर्मियों का कैमरा चमकने लगा और इस बार खुद राष्ट्रपति आज अपनी माटी का आर्शीवाद लेने आने वाले हैं। ऐसे में गांव की सजावट के लिए प्रशासन की ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। देश के गुलाब, गेंदा आदि फूलों के साथ थाइलैंड से आरकेट फूल के पैकेट मंगाए गये हैं,जो परौंख में चमक बिखेर रहे हैं।
    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी सविता कोविंद के साथ शुक्रवार को दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से चलकर प्रेसीडेंशियल महाराजा ​ट्रेन से कानपुर नगर के सेंट्रल स्टेशन पर उतरे। कानपुर रेलवे के इतिहास में पहली बार हुआ कि राष्ट्रपति ने कानपुर की यात्रा ट्रेन से की हो। वे दूसरे दिन शनिवार को वहीं के सर्किट हाउस में अपने दोस्तों, परिचितों, शिक्षाविदों, उद्योगपतियों के साथ चुनिंदा राजनेताओं से भी मिले। आज रविवार को करीब नौ बजे उनका कार्यक्रम कानपुर देहात के झींझक कस्बे के पास पैतृक गांव परौख में है। ऐसे में चार साल से ग्रामीणों की जो तमन्ना थी, वह आज पूरी हो जाएगी।
    खुशी में पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल है। देश के प्रथम नागरिक के आने पर प्रशासन की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। गांव में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल मुस्तैदी से तैनात हैं, हालांकि उनके चाहने वाले खुद से वह सब प्रयास कर रहे हैं जिससे उनके ‘बाबा’ यानी राष्ट्रपति को ठेस न पहुंचे। गांव का प्रत्येक व्यक्ति प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन कर रहा है और अपने बाबा के इंतजार में पलकें बिछाए हुए है। लगभग सारी प्रशासनिक व्यवस्थाएं काबिले तारीफ हैं। खासकर सजावट में इतने फूलों का प्रयोग किया गया है, कि शायद इस गांव के एक दशक तक के सभी उत्सवों को शामिल कर दिया जाए तो भी उनसे अधिक फूल यहां पर अपनी सुगंध छोड़ रहे हैं।
    थाईलैंड का फूल ‘आरकेट’ बिखेर रहा चमक
    परौंख में राष्ट्रपति का सभा स्थल, विद्यालय, आंगनबाड़ी, अंबेडकर प्रतिमा, पथरी देवी मंदिर, शिव मंदिर, मिलन केन्द्र को सजाने वाले प्रवीण सैनी ने बताया कि कुल लगभग 40 क्विंटल से अधिक फूल लगें है। सभा स्थल के स्टेज में सिर्फ आरकेट 100 बंडल, कार्नेसर 100 बंडल, घोड़ा पाती 100 बंडल, जरवरा 200 बंडल, गेंदा पांच क्विंटल, एक क्विंटल गुलाब का फूल लगा है। इसके अलावा अन्य जगहों पर जहां-जहां पर राष्ट्रपति को जाना है, उन सभी जगहों पर फूल बिछाये जाएंगे। उनके स्वागत के लिए मालाएं भी बनाई गईं हैं। बताया कि इनमें सबसे महंगा आरकेट फूल है, जो थाइलैंड का है। इस एक फूल की कीमत करीब 80 रुपये पड़ती है और यह फूल दिल्ली के बाजार में थाईलैंड से मंगाया जाता है। इसके बाद देश के अलग-अलग प्रमुख शहरों में भेजा जाता है। बताया कि यह फूल काफी महंगा होता है इसलिए साधारण उत्सवों में इसका प्रयोग नहीं किया जाता। हां अगर बाजार की दृष्टि से देखा जाये तो शादी-विवाह में वरमाला में यह फूल प्रयोग में आता है। आरकेट फूल देखने में काफी सुंदर लगता है। यह  लाल एवं बीच में सफेद होता है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। फूलों में केमिकल डाला गया है, जिससे सूखे नहीं।
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleनीरज चोपड़ा ने कुओर्टेन खेलों में जीता कांस्य पदक
    Next Article ​कई देशों की लम्बी यात्रा पर निकला नौसेना का जहाज आईएनएस तबर
    sonu kumar

      Related Posts

      मुख्यमंत्री योगी ने गिनाई मोदी सरकार की उपलब्धियां, बोले- पिछले 11 साल देश के लिए स्वर्णिम काल

      June 10, 2025

      राजा रघुवंशी हत्याकांड: सोनम को लेकर मेघालय पुलिस आज दोपहर पहुंचेगी गुवाहाटी

      June 10, 2025

      बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले हाेंगे पंचायत उपचुनाव, 9 जुलाई को 2,634 सीटों पर होगा मतदान

      June 10, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • डिटेंशन सेंटर से फरार तीन बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, हजारीबाग पुलिस को बड़ी कामयाबी
      • बॉक्स ऑफिस पर ‘हाउसफुल-5’ का जलवा, 100 करोड़ के क्लब में शामिल
      • बॉक्स ऑफिस पर ‘ठग लाइफ’ की रफ्तार थमी, फिल्म को नहीं मिला दर्शकों का प्यार
      • भारत ए बनाम इंग्लैंड लायंस: कोटियन-कंबोज की शानदार साझेदारी, दूसरा अनौपचारिक टेस्ट ड्रॉ
      • एफआईएच प्रो लीग: रोमांचक मुकाबले में नीदरलैंड ने भारत को 3-2 से हराया
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version